Governor Mangubhai Patel Review Meeting: राज्यपाल पटेल जनजातीय प्रकोष्ठ के द्वारा संयोजित बैठक को संबोधित किया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि व्यक्तिगत और सामुदायिक योजना के परिणामों का मूल्यांकन मैदानी स्तर पर किया जाए। वंचित और छूट रहें व्यक्तियों और क्षेत्रों तक विकास की योजनाओं की पहुंच को सफलता का पैमाना माना जाए।
उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन से प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक योजना को पहुंचाने के प्रयास किए जाने चाहिए। मॉनिटरिंग का भी यही लक्ष्य होना चाहिए। बैठक का आयोजन दो सत्रों में किया गया था। प्रथम सत्र में लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग और आयुष विभाग की समीक्षा की गई। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार मौजूद थे। द्वितीय सत्र में जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं पर चर्चा की गई।
जेनेटिक कार्ड डिस्ट्रीब्यूशन में युवाओं को दें प्राथमिकता- राज्यपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि स्क्रीनिंग के दौरान सिकल सेल प्रभावितों की अधिक संख्या वाले चिन्हित क्षेत्रों और 20 से 30 साल की आयु समूह की स्क्रीनिंग के कार्य को व्यापकता प्रदान की जाए। जांच का कार्य तेज गति से किया जाए। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व और प्रसव के 72 घन्टों के भीतर जांच हो।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में जनजातीय प्रकोष्ठ अंतर्गत, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं आयुष विभाग की समीक्षा बैठक आज राजभवन में संपन्न हुई। pic.twitter.com/QWby3oWxe0
---विज्ञापन---— Governor of Madhya Pradesh (@GovernorMP) November 20, 2024
इस संबंध में विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की जाना चाहिए। चिन्हित वाहक और रोगियों को प्राथमिकता के साथ जेनेटिक कार्ड उपलब्ध हो। रोगी और वाहक को तत्काल उचित औषधि उपलब्ध हो। वाहक और रोगी नियमित रूप से औषधि लें। इसकी मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है।
मॉनिटरिंग के लिए सामुदायिक जन जागृति के प्रयास जरूरी हैं। जरूरी है कि घर-घर जाकर इस संबंध में सीधा संपर्क और संवाद कायम किया जाए। उन्होंने मैदानी अमले का संवेदीकरण कर, उनके जरिए जन जागरण के प्रयासों के लिए निर्देश दिए है।
राज्यपाल पटेल ने आयुष विभाग की चर्चा के दौरान कहा कि सिकल सेल रोग प्रबंधन और उपचार में होम्योपैथी, आयुर्वेद और योग की भूमिका के संबंध में विभाग द्वारा किए जा रहे अनुसंधान का तुलनात्मक परीक्षण भी कराया जाए।
पॉयलट जिलों की सभी तहसील के वाहक और रोगी अध्ययन में सम्मलित हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 2047 तक सिकल सेल उन्मूलन प्रयासों को व्यापकता प्रदान करने में आयुर्वेद की संभावनाएं बहुत प्रबल हैं। इस दिशा में विशेष प्रयास किए जाने चाहिए।
विकास का मूलाधार सबका साथ और विकास- राज्यपाल
बैठक के दूसरे सत्र में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विकसित भारत का मूलाधार सबका साथ और सबका विकास है। इसी के लिए सरकार की योजनाओं का निर्माण किया गया है। योजना की मंशा की सफलता को अमल की दृष्टि और दिशा पर आधारित होती है। उन्होंने कहा कि सरकारी अमला सरकार के चालक है। अमला जितना सजग और एक्टिव होगा। सरकार भी उतनी ही गतिशील होगी।
इसलिए जरूरी है कि टॉप से लेकर ग्राउंड लेवल तक का अमला योजना की मंशा के प्रति संवेदनशील हो। मॉनीटरिंग की प्रणाली धरातल पर छूट गए व्यक्तियों, क्षेत्रों को चिह्नित करने पर फोकस हो। ऐसे क्षेत्रों, समुदाय और व्यक्तियों को लाभान्वित करने के लिए जरूरी प्रावधान, संशोधन और इनोवेशन पर केन्द्रित होने चाहिए।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने जनजातीय कार्य विभाग की अलग-अलग योजनाओं प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (Prime Minister Tribal Justice Mega Campaign) और विभागीय योजनाओं पर चर्चा में कहा कि विभाग द्वारा पीवीटीजी जिलों में नए जिले शामिल किए जाने चाहिए।
पेसा ग्राम सभाओं के लिए अलावा राशि उपलब्ध कराने के लिए महाराष्ट्र राज्य के प्रावधानों का अध्ययन कर विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जाना चाहिए। जनजातीय हितग्राहियों के लिए पीएचडी छात्रवृत्ति और विषय के कोटे को भी समाप्त किया जाना चाहिए।
ये भी पढ़ें- ‘हिंदू एकता यात्रा’ से पहले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले-हम देश में हिंदू-मुस्लिम नहीं चाहते