Geographic Information System Survey: देश के 120 शहरों का जीआईएस सर्वे करने की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश को मिली है। एमपी देश का पहला राज्य होगा, जो दूसरे राज्यों में जाकर जीआईएस सर्वे का काम करेगा। मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की सहायता से मध्यप्रदेश का इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट जीआईएस सर्वे का काम करेगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश को ये जिम्मेदारी केंद्र सरकार द्वारा सौंपी गई है। ये कार्य देशभर के नगरीय निकायों में टैक्स के कलेक्शन को और बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। सीएम मोहन यादव ने कहा कि जीआईएस सर्वे से किसी भी प्रॉपर्टी का सही डेटा आसानी से मिल जाएगा, जिसके बाद सर्वे के डाटा के आधार पर टैक्स कलेक्शन किए जा सकेंगे।
जिलों में बनेंगी जीआईएस लैब
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश के इसके लिए सभी जिलों में जीआईएस लैब भी बनाई जाएगी, इससे जिला स्तर पर डेटा बेस तैयार होगा। इसके लिए सरकार की ओर से एक प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा गया था।
जिसके बाद प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने सहमति देते हुए जीआईएस लैब बनाने के लिए 52 करोड़ रुपए भी सेंक्शन कर दिए हैं। इस प्रोजेक्ट में 37 करोड़ रुपए केंद्र खर्च करेगा और 15 करोड़ रुपए मध्यप्रदेश सरकार खर्च करेगी।
सीएम यादव ने प्रोजेक्ट को बताया बड़ी उपलब्धि
सीएम यादव ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए काफी तैयारी करनी पड़ी। एमपी एसईडीसी ने इसके लिए एक प्रेजेंटेशन बनाकर केंद्र सरकार के सामने पेश किया था। एमपी एसईडीसी के मॉडल को केंद्र सरकार ने सराहते हुए ऐसी व्यवस्था देश के सभी बड़े शहरों में करने का काम दिया, क्योंकि सभी राज्यों का अपना अलग-अलग डेटा बेस होता है।
सीएम ने कहा कि इस मॉडल के जरिए पूरे देश का डेटा बेस एक जैसा हो जाएगा। फिलहाल इसकी पहले शुरूआत देश के चार राज्यों से होगी। उत्तराखंड और तमिलनाडु से मध्यप्रदेश के अफसरों ने बात कर ली है। एक-दो दिन में टीमें इन राज्यों में पहुंचकर अपना काम भी शुरू कर देंगी।
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