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सरकारी स्कूल में गजब ‘खेल’, हेडमास्टर की जगह स्कूल में पढ़ाता मिला बेटा, इस तरह खुली पोल

Headmaster Booked For Fraud: छानबीन में पता चला कि हेडमास्टर बीते दो माह से स्कूल नहीं आ रहे थे। पंचायत अधिकारी के स्कूल का औचक निरीक्षण करने पर इस मामले का खुलासा हुआ है।

Edited By : Amit Kasana | Updated: Sep 15, 2024 16:30
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प्रतिकात्मक फोटो (क्रेडिट गूगल)

Headmaster Booked For Fraud: सरकारी स्कूल में टीचरों की कमी है! अक्सर मीडिया में ऐसी खबरें सुर्खियों में रहती हैं। लेकिन मध्यप्रदेश के Anuppur के सरकारी स्कूल में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, यहां एक स्कूल में हेडमास्टर की जगह उनका बेटा स्कूल में पढ़ाता हुआ मिला। छानबीन में पता चला कि हेडमास्टर बीते दो माह से स्कूल नहीं आ रहे हैं और उनका बेटा ही स्कूल में पढ़ाने और अन्य प्रशासनिक कामकाज संभाल रहा है।

देहात क्षेत्र में पड़ता है स्कूल

ये मामला अनूपपुर के चोलना गांव का है, ये गांव जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर देहात क्षेत्र में है, यही वजह है कि यहां कोई अधिकारी जल्दी से जांच करने के लिए नहीं जाता है। लेकिन शनिवार को पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) तन्मय वशिष्ठ शर्मा यहां औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे। निरीक्षण के दौरान हाजिरी रजिस्ट्रर देखने से पता चला कि स्कूल में हेडमास्टर चमन लाल कंवर और एक अन्य टीचर नदारद है।

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शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप

छानबीन में पता चला कि हेडमास्टर बीते दो माह से स्कूल नहीं आ रहे हैं। पंचायत अधिकारी के उस समय होश उड़ गए जब हेडमास्टर की जगह उनका बेटा राकेश प्रताप सिंह स्कूल का पूरा कामकाज संभालता हुआ मिला। तुरंत इस मामले की शिकायत पुलिस व शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को दी गई। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग पूरे केस में स्कूल के अन्य शिक्षकों के बयान लेकर एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इस मामले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने अन्य स्कूलों में भी जांच शुरू कर दी है।

स्कूलों में शिक्षकों की संख्या की जाएगी पूरी

बता दें इससे पहले बीते अगस्त में खबर आई थी कि मध्यप्रदेश के कई जिलों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। उस समय इन खाली पड़े पदों को जल्द भरने के निर्देश हुए थे। एक रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में कुछ स्कूलों में 36059 शिक्षक सरप्लस हैं, जिन्हें उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां टीचरों की कमी है।

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Amit Kasana

First published on: Sep 15, 2024 04:30 PM

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