Lumpy Virus in Rajasthan: राजस्थान में लंपी वायरस अब विकराल रूप ले चुका है। प्रदेश में रोज लंपी वायरस से हजारों गोवंश की मौत हो रही है। राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश समेत कुछ राज्यों में इसका प्रकोप सबसे ज्यादा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक लंपी एक वायरल डिजीज है, जो संक्रमित पशुओं से अन्य पशुओं में बेहद तेजी से फैलती है।
इस बीच, राज्य सरकार ने स्थिति की प्रभावी निगरानी के लिए कलेक्टरों की अध्यक्षता में जिलों में चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। समितियों को बीमार पशुओं का समय पर इलाज सुनिश्चित करने, बीमारी के नियंत्रण और रोकथाम के लिए आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने, मृत पशुओं का वैज्ञानिक रूप से निपटान करने, दवा किट तैयार करने और उनकी दरें तय करने, गौशालाओं और पशु घरों की नियमित रूप से सफाई करने, बीमार जानवरों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का कार्य सौंपा गया है। और बीमार जानवरों को स्वस्थ लोगों से अलग करना।
वहीं नगरीय स्वायत्त एवं पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से पशुपालकों तथा जनता में इस रोग के प्रति व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिए आवश्यक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इन समितियों में जिला परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला कोषाध्यक्ष एवं नगरीय स्थानीय निकायों के अधिकारी शामिल होंगे। पशुपालन विभाग के जिला अधिकारियों को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
बता दें कि पशुपालन विभाग की ओर से संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीनेशन अभियान भी चलाया जा रहा है। राजय में पशुपालन विभाग की ओर से जिला स्तर पर संक्रमित गायों के उपचार के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। साथ ही पशु पालकों से अपील की जा रही है कि वह संक्रमित गायों को खुले में नहीं छोड़े और चिकित्सकों की देखरेख में उपचार करवाएं। लेकिन चिंता की बात यह है कि लंपी संक्रमण का आंकड़ा रिकवरी रेट के मुकाबले दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है।