Impact of Champai Soren if he joins BJP: झारखंड में हेमंत सोरेन के साथ खेला हो गया है। और ये खेला उनकी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने किया है। चंपई सोरेन, शिबू सोरेन के कद्दावर साथी रहे हैं। पूरी जिंदगी चंपई सोरेन ने आदिवासियों की राजनीति और जनता ने सम्मान के साथ उन्हें कोल्हान टाइगर की उपाधि दी।
जनवरी 2024 में हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन झारखंड के सीएम बने, लेकिन जब हेमंत सोरेन को जमानत मिली तो चंपई सोरेन को कुर्सी छोड़नी पड़ी। पिछले कुछ दिनों से चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रहीं थीं और रविवार की शाम झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि उनके विकल्प खुले हुए हैं।
हालांकि उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है कि वे बीजेपी में जाएंगे, लेकिन कयास तो यही लगाए जा रहे हैं। अब सवाल ये है कि चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने के मायने क्या हैं?
JMM में आदिवासी का सम्मान नहीं
2024 लोकसभा चुनाव के बाद से बीजेपी के सामने सबसे बड़ा संकट आदिवासी वोटरों की नाराजगी का मसला था। 14 में से 9 सीटें जीतने के बावजूद बीजेपी को पता था कि वह आदिवासी बहुत पांच सीटों में से कोई भी सीट नहीं जीत पाई है। पिछली बार के मुकाबले वह तीन सीट हार गई है।
चंपई सोरेन अगर बीजेपी में जाते हैं तो इससे बीजेपी को यह नैरेटिव बदलने में मदद मिलेगी। बीजेपी कहेगी कि जेएमएम ने एक आदिवासी नेता को सम्मान नहीं दिया, साथ ही यह भी संदेश जाएगा कि आदिवासियों का हित बीजेपी में है। चंपई सोरेन के साथ उनका समर्थक आदिवासी वोटर भी बीजेपी की तरफ देखेगा।
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हेमंत सोरेन को घेरेगी बीजेपी
चंपई सोरेन की बगावत से साफ है कि वह हेमंत सोरेन से खुश नहीं हैं। चंपई अगर बीजेपी में जाते हैं तो बीजेपी कहेगी कि एक पूर्व मुख्यमंत्री का जेएमएम ने सम्मान नहीं किया। पार्टी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के परिवार और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के खिलाफ और मुखर होगी।
ध्यान रहे कि लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने हेमंत सोरेन की भाभी दुर्गा सोरेन को तोड़ लिया था। दुर्गा सोरेन बीजेपी के टिकट पर दुमका सीट से चुनावी मैदान में उतरीं। ऐसे में अगर दुर्गा सोरेन के साथ चंपई भी बीजेपी में आते हैं तो साफ संदेश जाएगा कि जेएमएम में हेमंत सोरेन अपनी मनमानी कर रहे हैं और बड़े आदिवासी नेता बीजेपी में भविष्य देख रहे हैं।
कोल्हान क्षेत्र में और मजबूत होगी बीजेपी
सरायकेला से विधायक चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने से कोल्हान क्षेत्र में बीजेपी और मजबूत होगी। बीजेपी लगातार तीन बार से जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र का चुनाव जीत रही है। 2014 से यह सिलसिला कायम है, लेकिन विधानसभा चुनावों में जेएमएम का दबदबा को देखने को मिलता है।
जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई से जेएमएम के विधायक हैं। वहीं जमशेदपुर ईस्ट से सरयू राय विधायक हैं। जमशेदपुर पश्चिम से कांग्रेस के बन्ना गुप्ता विधायक हैं। यानी जमशेदपुर लोकसभा की पांच सीटों पर इंडिया गठबंधन का कब्जा है।
ध्यान रखिए कि इन्हीं इलाकों से विधानसभा का चुनाव जीतने वाले विधायकों के चंपई के साथ होने की खबर है। खबरों के मुताबिक चंपई सोरेन के साथ जेएमएम के 6 नेता हैं।
जमशेदपुर से सटे लोकसभा क्षेत्र सिंहभूम के तहत पड़ने वाली विधानसभा सीट सरायकेला से चंपई सोरेन मौजूदा समय में विधायक हैं। 2024 के चुनाव में सिंहभूम से जेएमएम की प्रत्याशी जोबा मांझी ने जीत हासिल की है।
जमशेदपुर और सिंहभूम लोकसभा कोल्हान क्षेत्र में आती हैं। सिंहभूम लोकसभा में पड़ने वाली 6 सीटों पर इंडिया गठबंधन का कब्जा है। सिंहभूम पर जहां जेएमएम का कब्जा है, वहीं खूंटी और लोहरदगा से कांग्रेस के सांसद हैं।
साफ है कि चंपई सोरेन को अपने पाले में लेकर बीजेपी कोल्हान क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर परिणाम बदलना चाहती है।