रांची से विवेक चंद्र की रिपोर्ट: 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति संबंधी विधेयक राज्यपाल द्वारा लौटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को राज्यपाल रमेश बैस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा केंद्र सरकार राज्यपाल के माध्यम से राज्य सरकारों को परेशान करने का काम कर रही है। लेकिन यह दिल्ली, कश्मीर या अंडमान निकोबार नहीं है यह झारखंड है यहां की सरकार जो चाहेगी वही लागू होगा।, गवर्नर जो चाहेगा वह नहीं होगा।
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हम लोग ऐसा नहीं होने देंगे
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर वह चाहते हैं कि संवैधानिक पद की कसम खाकर उसकी धज्जियां उड़े हम लोग ऐसा नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोग कहते हैं कि हम लोगों ने जो कानून बनाया वह असंवैधानिक है। अजीब हाल है। सवा तीन करोड़ लोग सरकार बनाया है। ये सब लोग बोका लोग है क्या! चिंता मत करो यही बोका लोग तुमको इतना ठोकेगा कि जीवन में फिर राजनीति करना छोड़ दोगे। मुख्यमंत्री आज सरायकेला में खतियानी जोहार यात्रा में लोगों को संबोधित कर रहे थे।
विधेयक लौटाते हुए यह कहा था
बता दें यह विधेयक ‘झारखण्ड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को लेकर है। जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार को विधेयक वापस करते हुए राज्यपाल ने कहा था कि राज्य सरकार इस विधेयक की वैधानिकता की समीक्षा करें कि यह संविधान के अनुरूप एवं माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुरूप हो।
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