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झारखंड

अस्पताल में ब्लड चढ़ाने पर 5 बच्चे हुए HIV पॉजिटिव, झारखंड में हुई लापरवाही पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

Jharkhand 5 children test HIV positive: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के एक सरकारी अस्पताल में लापरवाही का चौंकाने वाला केस सामने आया है. अस्पताल में खून चढ़ाने के बाद पांच बच्चे HIV पॉजिटिव हो गए. इस घटना पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Vijay Jain Updated: Oct 26, 2025 09:48
chaibasa sadar hospital

Jharkhand 5 children test HIV positive: सरकारी अस्पताल की एक लापरवाही के चलते पांच बच्चों की जिंदगी पर संकट छा गया. झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में चाईबासा के सरकारी अस्पताल में खून चढ़ाने के बाद पांच बच्चे HIV पॉजिटिव हो गए. इन पांच बच्चों में से एक सात साल का बच्चा थैलेसीमिया पीड़ित है. घटना सामने आने के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. झारखंड सरकार ने पहला मामला सामने आते ही तुरंत हरकत में आते हुए रांची से पांच वरिष्ठ डॉक्टरों की मेडिकल टीम भेजी, जिन्होंने तुरंत मामले की जांच शुरू की और चार और केसों की पहचान की.

थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे के परिवार का आरोप

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे के परिवार ने आरोप के बाद यह मामला तब संज्ञान में आया. परिवार के मुताबिक, चाईबासा के सरकारी अस्पताल में उनके बच्चे को HIV संक्रमित खून चढ़ाया गया. आरोपों के बाद मेडिकल टीम ने जांच शुरू की तो एक के बाद एक चार और ऐसे बच्चे सामने आए, जो एचआईवी पॉजिटिव निकले, उन्हें भी उसी अस्पताल में खून चढ़ाया गया था.

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क्या कहती है मेडिकल टीम की शुरुआती जांच

हेल्थ डायरेक्टर डॉ. दिनेश कुमार ने मीडिया के सामने बताया कि शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे को दूषित खून चढ़ाया गया. जांच दल में शामिल डॉ. शिप्रा दास, डॉ. एसएस पासवान, डॉ. भगत, जिला सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो कुमार माझी, डॉ. शिवचरण हांसदा और डॉ. मीनू कुमारी ने ब्लड बैंक और पीआईसीयू का भी निरीक्षण किया. जांच के दौरान ब्लड बैंक में कुछ गड़बड़ियां पाई गईं और संबंधित अधिकारियों को उन्हें दूर करने के निर्देश दिए गए हैं. ब्लड बैंक में अगले कुछ दिनों तक केवल गंभीर मामलों को ही देखा जाएगा.

क्या बोले सिविल सर्जन? हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

ज़िला सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो कुमार माझी ने कहा कि संक्रमण फैलने के कारणों को ढूंढा जा रहा है. खून चढ़ाने से संकम्रण फैलने की बात अभी जल्दबाजी होगी. एचआईवी संक्रमण अन्य कारणों से भी हो सकता है, जिनमें दूषित सुइयों के संपर्क में आना भी शामिल है. पहले संक्रमित बच्चे के परिवार ने ज़िला प्रशासन और राज्य सरकार से शिकायत दर्ज कराते हुए जवाबदेही और न्याय की मांग की है.

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वहीं इस मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए राज्य के स्वास्थ्य सचिव और जिला सिविल सर्जन से रिपोर्ट मांगी है. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में पश्चिमी सिंहभूम जिले में 515 एचआईवी पॉजिटिव मामले और 56 थैलेसीमिया रोगी हैं.

First published on: Oct 26, 2025 09:48 AM

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