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कौन हैं बीजेपी में शामिल होने वाली गीता कोड़ा, झारखंड में NDA को क्या होगा फायदा?

Lok sabha election 2024: गीता कोड़ा ने साल 2009 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। वह पूर्व में जय भारत समानता पार्टी में भी रह चुकी हैं। उन्होंने साल 2018 में कांग्रेस ज्वाइन की थी। फिलहाल व चाईबासा से सांसद हैं। उनके पति मधु कोड़ा झारखंड के पूर्व सीएम रह चुके हैं। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद गीता कोड़ा ने राजनीति में पूरी तरह एंट्री ली थी।।

Edited By : Amit Kasana | Updated: Feb 26, 2024 18:42
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Geeta Koda
मधु कोड़ा

Lok sabha election 2024: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं नेताओं का दल बदलने का सिलसिला तेज होता जा रहा है। अब झारखड़ के पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी और चाईबासा लोकसभा (सिंहभूम जिला) सीट से कांग्रेस पार्टी की सांसद गीता कोड़ा ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। बताया जा रहा है कि सांसद प्रदेश में कांग्रेस गठबंधन से नाराज थीं। उन्होंने वरिष्ठ नेताओं को इस बात से अवगत भी कराया लेकिन अपनी बात नहीं सुने जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का निर्णय लिया है।

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साल 2009 में पहली बार चुनाव लड़ा

जानकारी के अनुसार गीता कोड़ा का जन्म 26 सितंबर 1983 में झारखंड के जिला मेघहातु बुरु में हुआ था। वह 12वीं क्लास तक पढ़ी हैं और साल 2009 में उन्होंने पहली बार जगननाथपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। वह पूर्व में जय भारत समानता पार्टी में भी रह चुकी हैं और दो बार विधायक का चुनाव जीत चुकी हैं। सिंहभूम से पूर्व में उनके पति मधु कोड़ा भी सांसद रह चुके हैं। फिलहाल भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद वह राजनीति में साइड लाइन हैं।

गीता कोड़ा से क्या होगा बीजेपी को फायदा

गीता कोड़ा ने अक्टूबर 2018 में कांग्रेस ज्वाइन की थी। राजनीतिक जानकारों के अनुसार गीता कोड़ा को साथ लाकर बीजेपी ने चाईबासा और उसके आसपास के बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजाति के वोटों में सेंध लगा ली है। दरअसल चाईबासा लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है। ऐसा माना जाता है कि यहां से जीत हासिल करने के लिए इस जनजाति के वोटरों का साथ होना जरूरी है। यहां कुल 11 लाख से ज्यादा मतदाता हैं और साल 2019 लोकसभा चुनाव में कुल 69 फीसदी मतदान हुआ था। बीजेपी में शामिल होने के बाद गीता कोड़ा ने कहा कि कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करती है। उसे किसी वर्ग की चिंता नहीं है, कांग्रेस में परिवारवाद है। जबकि बीजेपी सबको साथ लेकर चलने पर विश्वास रखती है।

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Edited By

Amit Kasana

First published on: Feb 26, 2024 06:42 PM

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