पुणे में पोते की हत्या के आरोप में सजा काट रहे गैंगस्टर बंडू आंडेकर ने नगर निगम चुनाव के लिए बतौर निर्दलीय उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल करने पहुंचे. इस दौरान उनका चेहरा काले कपड़े से ढका था और दोनों हाथ रस्सी से बंधे थे. पुणे के स्पेशल मकोका कोर्ट ने आंडेकर को स्थानीय निकाय चुनाव के लिए पर्चा दाखिल करने की इजाजत शुक्रवार को दे दी. अदालत के आदेश से बंडू आंडेकर के परिवार के बाकी आरोपी सदस्यों ने भी नोमिशन का पर्चा भरा. आपको बता दें कि महाराष्ट्र की 28 महानगर पालिकाओं के लिए 15 जनवरी को वोटिंग होने वाली है.
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सोमवार को फिर भरना होगा नामांकन
आंडेकर को येरवडा सेंट्रल जेल से पुलिस वैन में बैठाकर भवानी पेठ इलाके में मौजूद नोमिनेशन सेंटर पर लाया गया. जब मुंह पर काले कपड़े और रस्सी से बंधे हाथों के साथ वो वैन से उतरकर जाने लगे तो उन्होंने खुद अपने समर्थन में नारे भी लगाए. चुनाव अधिकारियों के मुताबिक आंडेकर का फॉर्म अधूरा होने की वजह से अभी पूरी तरह से स्वीकार नहीं हुआ है, अब उन्हें सोमवार को एक बार फिर पर्चा दाखिल करना होगा.
क्या है पूरा मामला?
आंडेकर की भाभी लक्ष्मी आंडेकर और बहू सोनाली आंडेकर ने भी अदालत की इजाजत से नामांकन भरा है. ये दोनों भी आंडेकर के पोते आयुष की हत्या में आरोपी हैं और सजा काट रहे हैं. दरअसल 5 सितंबर को आयुष की नाना पेठ इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी हई थी. आयुष, गणेश कोमकर का बेटा था, जो पहले से एक और मर्डर केस में आरोपी है. गणेश पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पूर्व नगरसेवक और बंडू आंडेकर के बेटे वनराज आंडेकर की हत्या का आरोप है. ये केस आपसी रंजिश के साथ-साथ और भी कई कड़ियां समेटे हुए है.
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