भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को अच्छी सुविधा देने के लिए कई योजना पर काम करता है। इसमें स्वच्छ ट्रेन स्टेशन (CTS) योजना है, जिसे अब और ज्यादा सुविधाओं से लैस कर दिया है। रेलवे ने स्वच्छ ट्रेन स्टेशन (CTS) योजना को ज्यादा एडवांस करने को लेकर अपने कर्मचारियों की यूनिफॉर्म, बैटरी से चलने वाले पोर्टेबल वैक्यूम क्लीनर और बैकपैक-टाइप हाई प्रेशर जेट क्लीनिंग मशीन दी गई हैं। इससे सफाई करने में आसानी होगी।
कब हुई थी योजना शुरू?
सीटीएस को अक्टूबर 2002 में शुरू किया गया था। इसमें कुछ स्टेशनों को मार्क किया गया था, ताकि गाड़ी रुकने के दौरान ट्रेनों की सफाई हो पाए। अब इसे ज्यादा एडवांस करने को लेकर इसका न्यू वर्जन 683 ट्रेनों के लिए 20 खास जगहों पर लागू किया जाएगा। इसमें दो कर्मचारियों को वॉशबेसिन समेत 4 टॉयलेट्स होंगे। कर्मचारी डस्टबिन से वेस्ट भी जमा करने के साथ-साथ फर्श की मशीन से सफाई करेंगे। इसके अलावा जेट सफाई और सूखा पोछा लगाने का काम भी करेंगे।
सफाईकर्मियों को क्या-क्या मिलेगा?
सफाईकर्मियों को पोर्टेबल बैकपैक, बैटरी, हाई प्रेशर वाली जेट सफाई मशीन, पानी के टैंक; बैटरी से चलने वाला पोर्टेबल वैक्यूम क्लीनर, वॉश बेसिन के लिए ब्रश, फर्श पोंछने के लिए कपड़े दिए जाएंगे।
रीजनल रेलवे जनरल मैनेजर को लिखा था लेटर
सभी रीजनल रेलवे जनरल मैनेजर को मंत्रालय ने पत्र भेजकर कहा था कि सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ साफ-सफाई के लिए हर जरूरी सामान उपलब्ध कराना चाहिए। वहीं, इस बात का भी ध्यान रखना है कि सफाई हर 10 मिनट के अंदर पूरी होनी जरूरी है। इसमें ही सारी सुविधाएं सफाई कर्मचारियों को टाइम पर मिलनी चाहिए। सीटीएस में सुधार का फैसला उत्तर रेलवे ने लिया।
सीटीएस कहां-कहां अमल होंगी?
सीटीएस को फिर से अमल करने को लेकर 8 जोनों की पहचान की गई है, जिसमें पूर्व मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे , उत्तर रेलवे, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, दक्षिण मध्य रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे, दक्षिणी रेलवे और पश्चिम मध्य रेलवे शामिल है।
इन जोन में 20 स्टेशनों का चुनाव किया गया है। इनमें पटना और पाटलिपुत्र, असम में बदरपुर और लामडिंग, उत्तर प्रदेश में वाराणसी, पंजाब में भटिंडा, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा जंक्शन, हैदराबाद में काचीगुडा रेलवे स्टेशन और रांची आदि शामिल हैं।
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