Himachal Pradesh Disqualified congress mla file plea in Supreme Court: क्रॉस वोटिंग करने पर अयोग्य घोषित किए गए हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के 6 विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। अदालत में याचिका दायर कर उन्होंने अपनी अयोग्यता को चुनौती दी है। कांग्रेस के सुधीर शर्मा, राजिंदर राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अदालत में दायर याचिका में उन्होंने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें उन्होंने इन सभी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया था।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा से अयोग्य करार हुए 6 कांग्रेस MLA पहुंचे सुप्रीम कोर्ट। विधानसभा अध्यक्ष
द्वारा अयोग्य ठहराने के फैसले को चुनौती दी है।---विज्ञापन---कांग्रेस के बागी सुधीर शर्मा, राजिंदर राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका…
— Prabhakar Kumar Mishra (@PMishra_Journo) March 5, 2024
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याचिका में यह कहा
याचिका में विधायकों ने स्पीकर के आदेश को रद्द करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि इस याचिका पर 6 मार्च को सुनवाई हो सकती है। दरअसल, दल बदल कानून के तहत इन सभी छह विधायकों पर कार्रवाई की गई थी। बता दें राज्यसभा सदस्य के चुनावों में इन छह कांग्रेस विधायकों ने कॉस वोटिंग की थी।
किसने की थी विधायकों की शिकायत
हिमाचल प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने स्पीकर से कांग्रेस विधायकों की शिकायत की थी। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए स्पीकर ने इन सभी 6 विधायकों को आयोग्य घोषित किया था। स्पीकर ने अपने आदेश में कहा कि व्हिप जारी होने के बावजूद सभी छह विधायक विधानसभा से अनुपस्थित रहे, जबकि इस दौरान बजट सत्र भी था।
क्या हिमाचल में होंगे उपचुनाव?
विधायकों ने अपनी याचिका में कहा कि विधानसभा स्पीकर ने उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया, जो गलत है। याचिका में यह भी कहा गया है कि विधानसभा कार्यालय से केवल एक विधायक को नोटिस मिला है। जबकि अन्य पांच विधायकों को आयोग्य घोषित करने से पहले नोटिस नहीं दिया गया। याचिका में स्पीकर के आदेश को रद्द करने और उनकी विधायकी फिर बहाल करने के निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है। बता दें अगर सुप्रीम कोर्ट से इन विधायकों को राहत मिलती है तो ठीक है। अगर विधानसभा स्पीकर का आदेश खारिज नहीं होता है तो लोकसभा चुनाव के साथ हिमाचल की छह विधासभा सीटों पर उपचुनाव हो सकते हैं।
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