हिमाचल प्रदेश के इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देने के लिए ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर की ग्रोथ पर काम कर रही है। इस दिशा में सीएम सुखविंद्र सुक्खू ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 402 स्थानों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने को मंजूरी प्रदान की है। ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में 402 इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग स्टेशन लगाने को मंजूरी दे दी है। ये स्टेशन सरकारी परिसरों में स्थापित किए जाएंगे, जिनमें पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में 252, वन विभाग के रेस्ट हाउस में 100 और जल शक्ति, एचपीएसईबीएल कार्यालयों और जिला प्रशासनिक परिसरों में अन्य स्टेशन शामिल हैं।
क्या है इनका मकसद?
इस पहल का उद्देश्य ईवी चार्जिंग नेटवर्क बनाना, सरकारी विभागों को ईवी अपनाने में सहायता करना और परिवहन को बढ़ावा देना है। अब तक राज्य में 4,997 ईवी रजिस्ट्रेट किए गए हैं और ई-टैक्सी योजना के तहत 500 इलेक्ट्रिक टैक्सियों को शामिल किया जा रहा है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बढ़ती मांग
ईवी संचालन को सुचारू बनाने के लिए पहले ही राज्य ने 6 ग्रीन कॉरिडोर निर्धारित किए हैं और पेट्रोल पंपों, एचपीटीडीसी होटलों और निजी आतिथ्य इकाइयों में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने के लिए काम कर रहा है। वर्तमान में, 23 पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग स्टेशन चल रहे हैं। साल के अंत तक 90 और स्टेशन खोलने की योजना है। इसके लिए सरकार ने आईओसीएल के साथ मिलकर 65 एचपीटीडीसी होटलों में ईवी चार्जर लगाने के लिए साझेदारी की है, जिसकी शुरुआत 11 जगहों से होगी। इसके अलावा, 44 निजी होटलों ने भी ईवी चार्जर लगाए हैं। वहीं, सीएम सुक्खू ने इस बात पर जोर दिया कि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना भविष्य की कुंजी है और उन्होंने हिमाचल प्रदेश को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का अग्रणी केंद्र बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
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