पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग करने वालीं कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में राज्य महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है। महिला आयोग ने सोनीपत की एक यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को नोटिस जारी कर 48 घंटे में दफ्तर में पेश होने का निर्देश दिया है। महमूदाबाद ने दोनों सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ सेना के नियमों पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। महमूदाबाद को 14 मई को सुबह 10 बजे तक पंचकूला स्थित ऑफिस में उपस्थित होना होगा। आयोग ने कहा कि प्रोफेसर की टिप्पणियों ने भारतीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों का अपमान किया और सांप्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा दिया।
क्या कहा था प्रोफेसर महमूदाबाद ने?
प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने अपने पोस्ट में महिला अधिकारियों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग को ‘दिखावा’ और ‘सिर्फ पाखंड’ बताया था। अली खान महमूदाबाद पर कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के योगदान को कमतर आंकने और सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर को सांप्रदायिक मकसद से जोड़ने का आरोप लगाया गया है। यह नोटिस एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा 7 मई को भारत के ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई बयान दिए जाने के बाद जारी किया गया है। आयोग ने उन्हें जारी किए गए कारण बताओ नोटिस में उनकी टिप्पणियों को भी संलग्न किया है। आयोग ने यह भी चेतावनी दी है कि ‘बिना पर्याप्त कारण के निर्देशित समय अवधि के भीतर उपस्थित न होने पर आयोग के प्रासंगिक कानूनों और शक्तियों के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।’
प्रोफेसर ने फेसबुक पोस्ट क्या लिखा?
- अब भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों (जो गैर-सरकारी लेकिन सैन्य रूप से सक्रिय हैं) और पाकिस्तानी सेना के बीच कोई फर्क नहीं किया जाएगा। यदि कोई आतंकी हमला होता है तो भारत की प्रतिक्रिया पारंपरिक सैन्य कार्रवाई के रूप में होगी। इससे पाकिस्तान की सेना पर जिम्मेदारी आ गई है कि वह आतंकियों को संरक्षण न दे, क्योंकि अब वह उनके पीछे नहीं छिप सकती।
- पाकिस्तानी सेना लंबे समय से आतंकियों का इस्तेमाल भारत को अस्थिर करने के लिए कर रही है, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को पीड़ित दिखाती रही है। उन्हीं आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान में भी सांप्रदायिक हिंसा भड़काई है।
- कुछ लोग बिना सोचे-समझे युद्ध की वकालत कर रहे हैं, जबकि उन्होंने कभी युद्ध देखा तक नहीं। युद्ध सबसे ज्यादा गरीबों को नुकसान पहुंचाता है। इसका लाभ केवल राजनेताओं और हथियार कंपनियों को होता है। राजनीति का इतिहास हिंसा से जुड़ा रहा है, लेकिन फिर भी सैन्य तरीकों से कोई राजनीतिक समस्या स्थायी रूप से नहीं सुलझी है।
- कई दक्षिणपंथी लोग महिला सैन्य अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन वही लोग देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत, मॉब लिंचिंग, और घरों के अवैध ढहाए जाने पर चुप रहते हैं। अगर वे वाकई न्यायप्रिय हैं, तो हर भारतीय नागरिक की सुरक्षा की मांग करें, न केवल दिखावे के लिए।
- जब एक मुस्लिम नेता ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ कहा तो पाकिस्तानियों ने उसे ट्रोल किया और भारत के दक्षिणपंथी लोग कहने लगे कि वह हमारा मुल्ला है। यह बात दिखाती है कि भारत की राजनीति में सांप्रदायिक सोच कितनी गहराई तक घुस गई है।
- प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो 2 महिला अधिकारी सामने आईं, वह एक ऐसे भारत की झलक थी जो पाकिस्तान के निर्माण के तर्क को चुनौती देता है। एक ऐसा भारत जो विविधता में एकता का प्रतीक है, लेकिन जमीन पर मुसलमानों की जो हकीकत है, वह सरकार की तस्वीर से मेल नहीं खाती।
- उन्होंने ‘उन्हें मिटा दो’ या ‘उन्हें नष्ट कर दो’ जैसे वाक्यांशों के इस्तेमाल की बयानबाजी पर सवाल उठाया। उनका तर्क था कि ऐसी भाषा पूरे समुदायों को अमानवीय बनाती है और विनाश के बीज बोती है।
महिला आयोग के नोटिस में क्या कहा गया?
महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने हरियाणा राज्य महिला आयोग अधिनियम, 2012 की धारा 10 (1) (f) और 10 (1)(a) के तहत प्रोफेसर अली खान को 14 मई 2025 को सुबह 10 बजे पंचकूला स्थित ऑफिस में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है। हरियाणा महिला आयोग की ओर से जारी नोटिस में प्रथम दृष्टया में 6 बातों को सूचीबद्ध किया गया है। इनमें कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह सहित वर्दीधारी महिलाओं का अपमान; नरसंहार और अमानवीयकरण जैसे शब्दों के माध्यम से तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करना; सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाइयों की निंदा; सांप्रदायिक अशांति को संभावित उकसावा; संविधान और भारतीय न्याय संहिता के तहत महिलाओं की गरिमा का उल्लंघन; और एक प्रोफेसर के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नैतिक आचरण नियमों का उल्लंघन।
कौन है प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद?
अली खान महमूदाबाद हरियाणा के सोनीपत के एक यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान विभाग का प्रमुख है। अली खान महमूदाबाद इतिहासकार, राजनीतिशास्त्री और स्तंभकार है। उसने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी और एमफिल की डिग्री प्राप्त की है और एमहर्स्ट कॉलेज से इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। उसने दमिश्क विश्वविद्यालय से अरबी का भी अध्ययन किया है।