हरियाणा को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा ने पंजाब के सामने डिमांड की थी कि उसके हिस्से का पानी छोड़ दिया जाए। इसके बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने हरियाणा को पानी देने से इनकार कर दिया था। मान ने कहा था कि पंजाब हरियाणा को उसके हिस्से से ज्यादा 103 फीसदी पानी दे चुका है। पंजाब के सीएम ने आरोप लगाया कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के जरिए उनकी सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। मामले में अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब दिया है। सैनी ने भगवंत मान के बयान को आश्चर्यजनक करार दिया। सैनी ने कहा कि भगवंत मान मामले में राजनीति कर रहे हैं। एसवाईएल का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। यह मामला एसवाईएल नहीं, बल्कि हरियाणा के पीने के पानी का है।
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हरियाणा को पंजाब उसका हक दे। सैनी ने इस दौरान आंकड़े भी पेश किए। उन्होंने कहा कि हर साल अप्रैल से लेकर जून के बीच हरियाणा को बोर्ड की ओर से 9 हजार क्यूसेक पानी दिया जाता है। इस पानी में दिल्ली का हिस्सा 500 क्यूसेक है। इससे पहले हरियाणा को लगातार 3 साल तक पंजाब ने इससे कम पानी नहीं दिया है। कुल पानी में से राजस्थान का हिस्सा 800 क्यूसेक और पंजाब का हिस्सा 400 क्यूसेक होता है। ऐसे में हरियाणा को कुल 6800 क्यूसेक पानी दिया जाता है।
#WATCH | Chandigarh | On Punjab CM Bhagwant Mann’s statement refusing to release more water to Haryana, Haryana CM Nayab Singh Saini says, “… He is trying to politicise this issue. I want to clarify that the SYL (Satluj Yamuna Link canal) matter is under the Supreme Court’s… pic.twitter.com/1Bapeq5UVO
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) April 30, 2025
भगवंत मान का दावा गलत
सैनी ने कहा कि भगवंत मान कह रहे हैं कि हरियाणा मार्च में ही अपने हिस्से का पानी ले चुका है। उनका यह बयान समझ से परे हैं। हरियाणा को अब तक उसके हिस्से का पानी नहीं मिला है। सीएम ने कहा कि मान साहब, हमारी संस्कृति रही है कि जब भी कोई मेहमान घर आता है तो हम पानी पिलाकर उसका स्वागत करते हैं। इस दलगत की राजनीति से आप ऊपर उठकर हरियाणा को उसके हिस्से का पानी उपलब्ध करवाएं।
यह राष्ट्र के हित में नहीं
सैनी ने कहा कि जून से पहले जल भंडार को खाली करना होता है। क्योंकि मानसून के दौरान जल इकट्ठा करने के लिए भी भंडार चाहिए। अगर पानी स्टोर करने के लिए जगह ही नहीं होगी तो अतिरिक्त पानी हरि के पतन के रास्ते पाकिस्तान की ओर चला जाएगा। यह न देश के हित में है, न पंजाब के हित में। इसलिए आप संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर हरियाणा को उसके हिस्से का पानी दें।
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यह कहना ठीक नहीं है कि आज से पहले पंजाब या बीबीएमबी ने पानी का हिसाब नहीं रखा। बीबीएमबी के अलावा पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा के पास हर हिसाब रहता है। सैनी ने कहा कि 26 अप्रैल को सीएम भगवंत मान से उनकी फोन पर भी बात हुई है। उन्होंने पानी छोड़ने का दावा किया था, खुद फोन कर जानकारी देने की बात कही थी। अब हरियाणा के अफसरों के फोन पंजाब के अफसर नहीं उठा रहे।