हरियाणा में हुए नगर निगम और निकाय चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा, क्योंकि राज्य में कांग्रेस का संगठन न होना बड़ी वजह माना जा रहा है। आलाकमान अभी तक इसे बनाने में कामयाब नहीं हो पाया।
कांग्रेस में अभी तक गुटबाजी पूरी तरह हावी है। एक नेता के उम्मीदवार को दूसरे हराना शुरू कर देते हैं। टिकटों के गलत वितरण के आरोपों के कारण भी कांग्रेस की हार हुई है। पिछले एक साल से हरियाणा विधानसभा में लीडर ऑफ ऑपोजिशन की नियुक्ति भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है और कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व इसी में उलझ कर रह गया है। दिग्गज नेताओं ने प्रचार तो किया, लेकिन प्रचार में वो धार नहीं दिखी जो कांग्रेस को अपने कार्यकताओं में उत्साह बढ़ाने में दिखानी चाहिए थी।