Haryana Assembly Elections: हरियाणा की अंबाला कैंट विधानसभा सीट पर इस बार कड़ी फाइट है। पूर्व गृह मंत्री अनिल विज पर बीजेपी ने फिर दांव खेला है। इस सीट से विज 6 बार चुनाव जीत चुके हैं। वहीं, कांग्रेस ने यहां से कुमारी शैलजा के करीबी परविंदर सिंह परी को मैदान में उतारा है। जो पार्षद रह चुके हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी ने राज कौर गिल, JJP-ASP गठबंधन ने अवतार करधान और INLD-BSP ने यहां से ओंकार सिंह पर दांव खेला है। लेकिन कांग्रेस से बागी होकर मैदान में उतरीं चित्रा सरवारा ने मुकाबला रोचक बना दिया है। इस सीट पर लगभग 2.70 लाख वोटर हैं।
टूटी सड़कें और जलभराव है मुद्दा
टूटी सड़कें और जलभराव इस चुनाव में बड़ा मुद्दा है। अनिल विज यहां के बड़े नेता माने जाते हैं। जिन्होंने इस बार खुद को सीएम फेस भी बताया है। जिसका कितना फायदा उनको मिलेगा? यह देखने वाली बात होगी। कांग्रेस के लिए गुटबाजी यहां घातक साबित हो सकती है। परी से हुड्डा गुट फिलहाल दूरी बनाए हुए है। क्योंकि वे शैलजा के करीबी हैं। कांग्रेस से बागी हो चुकीं चित्रा सरवारा अनिल विज को टक्कर दे रही हैं। यह माना जा रहा है। पिछले चुनाव में भी वे दूसरे नंबर पर रही थीं।
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कांग्रेस में गुटबाजी रही और वोट यदि चित्रा की ओर शिफ्ट हुआ तो परी के साथ विज को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अंबाला कैंट में पंजाबी और जट सिखों के 80 हजार वोट हैं। 1967 से 2019 तक यहां पंजाबी नेता ही विधायक चुनते आए हैं। विज का यहां खासा दबदबा माना जाता है। दूसरे नंबर पर वैश्य समाज के वोट हैं। 2005 में यहां से कांग्रेस के देवेंद्र बंसल जीत भी चुके हैं। वहीं, इस बार विज ने खुद को सीएम फेस बताया है। बड़े प्रोजेक्टों की उम्मीद लगाए बैठे लोग इस कारण उनकी ओर जा सकते हैं।
VIDEO | Haryana elections 2024: “What will Arvind Kejriwal provide to people here? AAP is in power in Punjab. Therefore, they should first provide Haryana its share of water,” says BJP leader Anil Vij (@anilvijminister). #HaryanaElections2024
(Full video available on PTI… pic.twitter.com/V6FHBMAMOi
— Press Trust of India (@PTI_News) September 20, 2024
कांग्रेस को 15 साल से जीत का इंतजार
पिछले 3 चुनाव में वैश्य वोटर भाजपा के साथ खड़े रहे हैं। OBC समाज का भी यही रुख रहा है। कांग्रेस पिछले 15 साल से यहां जीत के लिए तरस रही है। बंसल के बाद विज यहां पर बड़े अंतर से जीते हैं। अगर परी और चित्रा के बीच वोट बंटे तो विज को फायदा मिलेगा। अगर जाट वोट चित्रा की ओर चले गए तो विज के लिए मुश्किलें होंगी। INLD-BSP के ओंकार सिंह और JJP-ASP के अवतार करधान OBC लीडर हैं। अगर ये लोग दलित और OBC वोटों में सेंध लगाने में कामयाब रहे तो सीधा नुकसान BJP को होगा। विज यहां से पहले बार 1990 में जीते थे।
इसके बाद बीजेपी ने टिकट नहीं दिया। जिसके बाद 1996 और 2000 में निर्दलीय जीते। 2009, 2014 और 2019 में बीजेपी के टिकट पर फिर जीते। 2014 और 2019 चुनाव जीतने के बाद उनको कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। अब विज को अपने काम के सहारे यहां से जीत की उम्मीद है। वहीं, कांग्रेस से बागी हो चुकीं चित्रा सरवारा भ्रष्टाचार दूर करने के नाम पर लोगों से वोट मांग रही हैं। वे 2013 में पार्षद बनी थीं। 2015 में कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद 2016 में उनको हरियाणा महिला कांग्रेस कमेटी की वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाया गया था।
आभार आपका न्नहेडा धन्यवाद आपका!
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— Chitra Sarwara चित्रा सरवारा (@ChitraSarwara) September 21, 2024
8 अक्टूबर को साफ होगी तस्वीर
2023 में आप ज्वाइन की थी। 2024 में फिर कांग्रेस में शामिल हो गईं। इस बार भी टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय लड़ रही हैं। वहीं, परविंदर परी होटल कारोबारी हैं, जो 2002 में यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। वे इस चुनाव में टूटी सड़कों का मुद्दा उठा रहे हैं। 2005 में वे यूथ कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी रह चुके हैं। अंबाला कैंट से पार्षद का चुनाव भी जीत चुके हैं। उनकी पत्नी निमृत कौर एक सोशल वर्कर हैं, जो ‘एक कोशिश’ नाम से NGO चलाती हैं। जनता किस उम्मीदवार को पसंद करेगी, यह 8 अक्टूबर को पता लगेगा।
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