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HOT सीट गुरुग्राम… निर्दलीय ने रोमांचक बनाया मुकाबला, त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी कांग्रेस-BJP

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में एक दिन शेष है। 5 अक्टूबर को वोटिंग के बाद 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। गुरुग्राम सीट की बात की जाए तो इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Oct 4, 2024 17:18
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Haryana Assembly Elections 2024

Haryana Assembly Election: गुरुग्राम विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट पर शत-प्रतिशत शहरी वोटर हैं। भाजपा ने इस बार ब्राह्मण चेहरे मुकेश शर्मा पर दांव खेला है। वहीं, कांग्रेस ने पंजाबी समाज के मोहित ग्रोवर को टिकट दिया है। JJP-ASP ने अशोक जांगड़ा और BSP-INLD ने गौरव भाटी को टिकट दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) से डॉ. निशांत आनंद मैदान में हैं। नवीन गोयल भाजपा से टिकट मांग रहे थे। जो टिकट न मिलने पर बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। अगर वोटरों की सहानुभूति उनको मिली तो कांग्रेस को फायदा मिल सकता है। क्योंकि बीजेपी के वोटों में बिखराव होगा। अगर पंजाबी वोट उनकी ओर खिसके तो कांग्रेस के साथ भी खेल हो सकता है।

6 बार यहां से जीत चुकी कांग्रेस

गुरुग्राम सीट पर अब तक 13 चुनाव हो चुके हैं। 3 बार बीजेपी और 6 बार कांग्रेस को यहां से जीत मिली है। 2014 और 2019 में बीजेपी बड़े मार्जिन से जीती थी। इस बार एंटी इनकंबेंसी की स्थिति बीजेपी के साथ है। गुरुग्राम सीट पर 443593 वोटरों में लगभग एक लाख वोट पंजाबी समुदाय के हैं। पिछली बार मोहित ग्रोवर पंजाबी समाज से निर्दलीय लड़े थे। जिनको करीब 48 हजार वोट मिले। यहां 40 हजार वोट जाटों के हैं। जो हुड्डा के प्रभाव के चलते कांग्रेस की ओर शिफ्ट हो सकते हैं।

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ब्राह्मण और वैश्य समाज के 50-50 हजार वोट हैं। पिछली बार अधिकतर वोट बीजेपी को मिले थे। इस बार नवीन गोयल के आजाद चुनाव लड़ने पर इनमें बिखराव हो सकता है। माना जा रहा है कि जितने वोट नवीन को मिलेंगे, उतना ही फायदा कांग्रेस को होगा। गुरुग्राम की सीट से आज तक कोई ब्राह्मण चेहरा नहीं जीता है। जीएल शर्मा बीजेपी से टिकट मांग रहे थे। लेकिन पार्टी ने मुकेश शर्मा पर दांव खेला। आज तक गुरुग्राम से 4 बार जाट, 4 बार पंजाबी और 3 बार वैश्य समाज के लोग विधायक बने हैं। सबसे अधिक वोटर होने के बाद भी पिछले तीन चुनाव में तो पंजाबी समाज को भी निराशा हाथ लगी है।

उम्मीदवारों के अपने-अपने दावे

मुकेश शर्मा ने 2009 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। 2014 में उनका टिकट कट गया। जिसके बाद बादशाहपुर से निर्दलीय लड़े। लेकिन हार गए। अब वे बीजेपी के 10 साल के कार्यकाल में हुए कामों के आधार पर जनता के बीच जा रहे हैं। गुरुग्राम को जाम से निजात दिलाना, फ्लाईओवर आदि बनवाने का वादा कर रहे हैं। मोहित ग्रोवर के पिता स्व. मदनलाल ग्रोवर का पंजाबी समाज में दबदबा रहा है। 2019 में मोहित निर्दलीय लड़े और 48638 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे थे। बाद में दीपेंद्र हुड्डा उनको कांग्रेस में लाने में कामयाब रहे थे। अब वे लोगों के बीच जाकर यहां विकास नहीं होने, सड़की की खराब हालत का मुद्दा उठा रहे हैं। दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इलाके का विकास करवाएंगे।

आजाद उम्मीदवार नवीन गोयल ने अपना खुद का संकल्प पत्र जारी कर रखा है। महिलाओं के लिए अस्पतालों में अच्छी सुविधा, खेल स्टेडियम का निर्माण करवाना, पार्किंग और सीवरेज की व्यवस्था आदि का दावा पत्र में किया है। गोयल खुद को 11 साल से इलाके में सक्रिय बता रहे हैं। जेजेपी-एएसपी और बीएसपी-इनेलो गठबंधन फाइट में तो नहीं दिख रहा, लेकिन दोनों को जितने वोट मिलेंगे, उतना नुकसान कांग्रेस और बीजेपी को होगा। अब देखने वाली बात होगी कि जनता किस उम्मीदवार को अपना समर्थन देती है?

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Oct 04, 2024 04:10 PM

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