विशाल अंग्रीश, करनाल
Donkey Route: शाहरुख खान की मूवी डंकी में दिखाया गया था कि भारत में जिन युवाओं को वीजा नहीं मिलता वे किस तरह लाखों रुपये खर्च कर डंकी रूट से शारीरिक व मानसिक परेशानियां झेलते हुए विदेश में पहुंचते हैं। देश में पहले Donkey Route ने पंजाब में अपने पैर पसारे अब ये धीरे-धीरे हरियाणा के युवाओं को अपने शिकंजे में ले रहा है। जानकारी के अनुसार हरियाणा के करनाल, पानीपत, कुरुक्षेत्र, कैथल और सिरसा समेत अन्य जिले इसकी सबसे ज्यादा चपेट में हैं।
Some frames showing the extremes of the Donkey route. pic.twitter.com/zJWEqkdITZ
— Pronoy (@srks_mitra) May 24, 2024
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डॉलरों की चकाचौंध में आकर्षित हो जाते हैं युवा
पुलिस सूत्रों की मानें तो यहां के विदेश भेजने वाले एजेंटो का गिरोह सक्रिय है और अब तक बड़ी संख्या में युवाओं को ये देश से बाहर ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा और अमेरिका भेज भी चुके हैं। बताया जा रहा है कि डंकी रूट से एक शख्स को विदेश भेजने के ये एजेंट 25 से 50 लाख रुपये तक लेते हैं। पंजाब और हरियाणा में विदेश जाने की चाह के चलते यहां के नौजवान बड़े-बड़े सपने संजोते हैं। डालरों की चकाचौंध में आकर्षित होकर युवा इन एजेंटों के चंगुल में फंस जाते हैं।
थाईलैंड के बाद यूरोप और फिर मेक्सिको से अमेरिका में करते हैं एंट्री
करनाल में रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि एजेंटों को पैसे देने के लिए युवाओं के परिजन अपने जमीन, घर बेच या गिरवी रख रहे हैं। बता दें विदेश खासकर अमरीका जाने के लिए पंजाब के नौजवानों ने 90 के दशक में डंकी रूट से आना जाना शुरू किया था। उस समय पंजाब में आतंकवाद चरम पर था तो परिजनों ने भी उन्हें ऐसा करने से नहीं रोका। उस समय 15 लाख में युवा सबसे पहले थाईलैंड उसके बाद यूरोप और फिर मेक्सिको से अमेरिका में एंट्री करते थे।
डंकी रूट से जा रहे 170 भारतीयों की हुई मौत
डंकी रूट से जाने के दौरान रास्ते में कई लोगों की जंगल के रास्ते या फिर समुंदर के रास्ते जाते हुए मौत तक हो जाती थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 1996 में माल्टा वोट ट्रेजेडी हुई थी, जिसमें डंकी रूट से जा रहे 170 भारतीयों (जिनमें बड़ी संख्या में पंजाब के नौजवान थे) की जान चली गई थी। इस केस से देश हाहाकार मच गया और इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। लेकिन यह गौरखधंधा नहीं रूका बल्कि साल दर साल डंकी रूट से फाइनल डेस्टिनेशन तक पहुंचना महंगा होता चला गया।
रोकने के लिए ऊंची बाड़ लगाई गई
बता दें मेक्सिको के साथ अमेरिका की दक्षिणी सीमा 1933 मील लंबी है, जो प्रशांत महासागर से लेकर दक्षिण टेक्सास के सिरे तक फैली हुई है। इनमें से लगभग 700 मील की दूरी पर बाड़ लगा दी गई है। पहले चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प ने भी चुनाव अभियान के दौरान सीमा पर दीवार बनाने का वादा किया था। पश्चिम में सैन डिएगो और मेक्सिको के तिजुआना के बीच लोगों को अवैध रूप से पार करने से रोकने के लिए ऊंची दोहरी बाड़ लगाई गई है।