गुजरात के कच्छ जिले में रेलवे का बुनियादी ढांचा तेजी से बदल रहा है, जहां गांधीधाम का हाईटेक लोको शेड और नए रूप में बन रहा भुज स्टेशन, दोनों मिलकर माल और यात्री रेल सेवाओं को नई रफ्तार देने जा रहे हैं. ये प्रोजेक्ट न सिर्फ मालगाड़ी नेटवर्क को मजबूती दे रहे हैं, बल्कि कच्छ की अर्थव्यवस्था और रोजगार पर भी सीधा प्रभाव डाल रहे हैं.
गांधीधाम का हाईटेक लोको शेड
गांधीधाम जंक्शन के पास बना नया डीजल लोको शेड भारतीय रेलवे की सबसे आधुनिक सुविधाओं में गिना जा रहा है. यहां खास तौर पर GE/Wabtec कंपनी के शक्तिशाली डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन, जैसे WDG-4G क्लास लोकोमोटिव्स की सर्विस और मेंटेनेंस किया जा रहा है, जिनकी क्षमता 4500 से 6000 हॉर्सपावर तक होती है और ये कोयला, सीमेंट, अनाज, खाद व आयरन जैसी भारी मालगाड़ियों को बंदरगाहों और फ्रेट कॉरिडोर तक खींचते हैं.
इस लोको शेड में करीब 250 Wabtec इंजनों की सर्विसिंग की सुविधा विकसित की गई है और इसके लिए कंपनी तथा भारतीय रेल के बीच दीर्घकालिक मेंटेनेंस एग्रीमेंट हुआ है, जिसमें ओवरहॉल, स्पेयर स्टोरेज, रिमोट मॉनिटरिंग और पार्ट सप्लाई जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं. इससे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर इंजन फेल होने की घटनाओं में कमी आने और मालगाड़ी संचालन की विश्वसनीयता बढ़ने की उम्मीद है. वहीं 24 घंटे काम करने वाले तकनीकी और सपोर्ट स्टाफ के कारण गांधीधाम-कच्छ क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं.
भुज स्टेशन का नया विशाल स्वरूप
कच्छ का प्रवेश द्वार माने जाने वाला भुज रेलवे स्टेशन अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पूरी तरह बदलने की तैयारी में है. पश्चिम रेलवे के अहमदाबाद मंडल के इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 200 करोड़ रुपये है और करीब 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जिसमें नई स्टेशन बिल्डिंग, आधुनिक वेटिंग एरिया, कांकर्स और फुट ओवरब्रिज जैसी सुविधाएं शामिल हैं, जो यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधा देने का लक्ष्य रखती हैं.
भुज-नलिया मीटर गेज लाइन को ब्रॉड गेज में बदले जाने के बाद नलिया से जखाऊ पोर्ट तक 28.88 किमी नई ब्रॉड गेज लाइन बिछाई जा रही है, जो कच्छ के दूरस्थ इलाकों को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी. इस परियोजना के तहत 13 नए स्टेशन प्रस्तावित हैं, जिससे लगभग 16 लाख की आबादी को सीधा लाभ मिलेगा और क्षेत्र में आवाजाही तथा छोटे कस्बों की कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव होगा.
माल परिवहन और बंदरगाह कनेक्टिविटी
कच्छ क्षेत्र के औद्योगिक विकास में रेलवे की भूमिका लगातार मजबूत हो रही है. गांधीधाम क्षेत्र में अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच लगभग 1.727 मिलियन मीट्रिक टन औद्योगिक नमक और 10.586 मिलियन मीट्रिक टन कंटेनर लदान दर्ज किया गया, जो यहां के तेजी से बढ़ते औद्योगिक और लॉजिस्टिक हब होने का संकेत देता है.
गांधीधाम के हाईटेक लोको शेड से तैयार होने वाले शक्तिशाली मालगाड़ी इंजन कांडला और मुंद्रा जैसे बड़े बंदरगाहों तक माल ढुलाई को आसान और तेज़ बना रहे हैं, जबकि भुज का नया स्टेशन क्षेत्र के व्यापार, पर्यटन और स्थानीय यात्रियों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधाएं उपलब्ध कराएगा. रेलवे अधिकारी वेद प्रकाश (डीआरएम, पश्चिम रेलवे) के अनुसार ये दोनों प्रोजेक्ट पश्चिम रेलवे के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम हैं, जो फ्रेट कॉरिडोर की विश्वसनीयता और कच्छ के समग्र विकास को नई दिशा देंगे.










