एक्सप्रेसवे किसी भी राज्य और देश के विकास में खास भूमिका निभाते हैं। इनके निर्माण से न सिर्फ लोगों के सफर को आसान बनाया जाता है, बल्कि व्यापार में भी तेजी आ जाती है। फिलहाल देश में कई एक्सप्रेसवे का काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में 19 जनवरी, 2023 को कर्नाटक में 1,271 किलोमीटर लंबे सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी गई। 45,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का ताजा अपडेट सामने आया है। दरअसल, इसका निर्माण पैकेज में किया जा रहा है। आज हम आपको पैकेज 1 और 14 का अपडेट देंगे। साथ ही यह भी जानिए कि इस एक्सप्रेसवे के बनने से कितने राज्यों को फायदा होगा?
पैकेज 1 का काम
सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे कई राज्यों की सीमा तक फैला हुआ है। इसके महाराष्ट्र वाले पैकेज का काम शुरू हो गया है। 36.4 किलोमीटर का पैकेज अक्कलकोट के पास हसापुर से महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा पर बडादल के बीच है। जानकारी के मुताबिक, इस पैकेज का काम 2027 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बनने से सूरत, चेन्नई, कर्नाटक और महाराष्ट्र का सफर आसान हो जाएगा।
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पैकेज 14 का काम
सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे के 14वें पैकेज में 71 किलोमीटर हिस्से का काम किया जा रहा है। यह पैकेज महाराष्ट्र/कर्नाटक सीमा से लेकर कर्नाटक के मराडगी एस.अंडोला तक फैला है। इस पैकेज को 2026 तक बनाकर तैयार कर लिया जाएगा। इसके खुलने से मुंबई-बेंगलुरु NH48 से ट्रैफिक के बोझ को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
किन राज्यों को मिलेगा फायदा?
चेन्नई और सूरत के बीच एक्सप्रेसवे के बनने से दोनों शहरों की दूरी 1,600 किलोमीटर से कम होकर केवल 1,270 किलोमीटर रह जाएगी। यह एक्सप्रेसवे 6 बड़े राज्यों से होकर गुजरेगा, जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु का नाम शामिल है। इसके अलावा, इस एक्सप्रेसवे से इन राज्यों के शहर तिरुपति, कडप्पा, कुरनूल, कलबुर्गी, सोलापुर, अहमदनगर और नासिक को भी सीधा फायदा मिलेगा। जैसे-जैसे सभी पैकेज का काम पूरा होता जाएगा, इसक सफर के लिए खोल दिया जाएगा।
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