Vishwamitri River Crocodile : गुजरात के वडोदरा के मगरमच्छों पर हुई एक रिसर्च में चौंकाने वाली जानकरी सामने आई है। यह रिसर्च अहमदाबाद विश्वविद्यालय और मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। इस रिसर्च में बताया गया है कि कैसे इन जीवों में बदलाव आ रहे हैं और इसका अंजाम क्या हो सकता है।
वडोदरा में विश्वामित्री नदी है, इस नदी में बड़ी संख्या में मगरमच्छ रहते हैं लेकिन इन मगरमच्छों का जीवन आसान नहीं है। ये नदी शहरी कचरे और फैक्ट्रियों के कचरे से भरी हुई है। अहमदाबाद विश्वविद्यालय और मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में मगरमच्छों के शारीरिक तनाव के सूचक फेकल ग्लूकोकोर्टिकोइड हार्मोन के बारे में जानकारी सामने आई।
हार्मोन चार गुना अधिक हो गए
जांच में पता चला कि उनका फेकल ग्लूकोकोर्टिकोइड हार्मोन काफी अधिक है। स्वच्छ, ग्रामीण जल में रहने वाले मगरमच्छों की तुलना में उनके फेकल ग्लूकोकोर्टिकोइड हार्मोन चार गुना अधिक है। इसका असर मगरमच्छों की संख्या पर भी पड़ सकता है।
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यहां रहते हैं 300 मगरमच्छ
हाल ही में आई खबर के मुताबिक, विश्वामित्री नदी 300 से ज्यादा मगरमच्छों का घर है। 24 किलोमीटर का हिस्सा वडोदरा शहर से होकर गुजरता है और इतनी दूरी में लगभग 300 मगरमच्छ रहते हैं। अधिकारियों का कहना है कि विश्वामित्री नदी से गाद निकालने का काम शुरू किया जाना है, ऐसे में सफाई होने तक इस मगरमच्छों को अस्थायी रूप से कहीं और भेजा जा सकता है।
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बता दें कि पिछले साल अगस्त में बारिश के दौरान वड़ोदरा के कई इलाके जलमग्न हो गए थे। विश्वामित्री नदी का बाढ़ का पानी शहर में घुस गया था और करीब 3000 लोगों को घर छोड़ना पड़ा था। जांच हुई तो समिति ने नदी की सफाई की बात कही। इसीलिए विश्वामित्री नदी की सफाई की बात हो रही है।