150 Species Migratory Birds in Kutch: गुजरात देश की वो राज्य है, जहां सभी तरह की प्राकृतिक सुदंतरा मौजूद है। वहीं जब दिसंबर के महीना शुरू हो जाता है तो 150 से अधिक प्रजाती के प्रवासी पक्षी यहां की खूबसूरती पर चार चांद लगा देते हैं। दरअसल, कच्छ में हर साल सर्दी के मौसम शुरू होते ही 150 से अधिक प्रजातियों के खूबसूरत प्रवासी पक्षियों का अवागमन शुरू हो जाता है। कच्छ के अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी इकट्ठा होते हैं। इस साल भी लाखों की संख्या में प्रवासी पक्षी कच्छ आए हैं।
Nagarparkar: A haven for flamingos.
Flamingos have begun arriving in the stunning Rann of Kutch, Nagarparkar. These majestic Siberian migratory birds travel thousands of kilometers to spend the winter here, adding a burst of vibrant color to the serene landscapes. pic.twitter.com/63i3AMhJD3---विज्ञापन---— Mushtaque Ali Rahimoon (@MushtaqueThari) November 18, 2024
पक्षियों के लिए स्वर्ग है कच्छ
कच्छ का रेगिस्तान पक्षियों के लिए सुरक्षित स्थान माना जाता है और कच्छ पक्षियों के लिए स्वर्ग है। हर साल सऊदी अरब से सफेद और गुलाबी लेजर और ग्रेटर फ्लेमिंगो, क्रेन, पेलिकन, सारस जैसे विदेशी पक्षियों की कई प्रजातियां यहां आती हैं। पश्चिम कच्छ वन विभाग के अधिकारी युवराज सिंह झाला ने कहा कि कच्छ जिला अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के कारण बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। कच्छ में रेगिस्तान, पहाड़ियां और घास के मैदान, आर्द्रभूमि और कांटेदार जंगलों के साथ-साथ सबसे बड़ी तटरेखा सहित एक डायवर्स इकोसिस्टम मौजूद है।
Nalsarovar Wetland is a large, shallow freshwater lake and marshland located in the state of Gujarat, India.
This important ecological area is one of the largest wetland bird sanctuaries in India and a critical habitat for migratory birds.
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.#NalsarovarWetland #Nalsarovar… pic.twitter.com/fPozIBagkW— GujaratForestDept (@GujForestDept) December 6, 2024
कच्छ में पक्षियों के लिए अनुकूल जलवायु
भारत में चेरिया का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र कच्छ में है। ये सभी कारण कच्छ को विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के आश्रय स्थल के रूप में एक बहुत ही शानदार निवास स्थान बनाते हैं। विशेष रूप से प्रवासी पक्षी अनुकूल जलवायु की तलाश में भारत आते हैं क्योंकि साइबेरिया और आसपास के क्षेत्र बहुत ठंडे हैं, और कच्छ कच्छ के प्रवेश द्वार के रूप में प्रवासी पक्षियों के लिए केंद्रीय फोकल फ्लाईवे भी है।
कच्छ आते हैं इन प्रजातियों के प्रवासी पक्षी
दिसंबर महीने से ठंड बढ़ने के कारण कच्छ जिले में विदेशी पक्षियों का आगमन हुआ है। भुज के मध्य में स्थित हमीरसर झील, छरीखंड में भी ग्रेट व्हाइट पेलिकन, ब्राउन पेलिकन, डेलमेटियन पेलिकन, पेंटेड स्टॉर्क, ग्रे हेरॉन, लिटिल ब्लू हेरॉन, ग्रेट इग्रेट, लिटिल इग्रेट, स्पॉटेड व्हिसलिंग डक, मार्बल्ड डक, प्लोवर, रेड वॉटल्ड लैपविंग, रेड नेप्ड आइबिस, ग्रेटर फ्लेमिंगो, लेसर फ्लेमिंगो, कॉमन क्रेन, डेमोइसेले क्रेन, व्हाइट स्टॉर्क, ब्लैक स्टॉर्क, नॉर्दर्न शॉवेलर, नॉर्दर्न पिनटेल, यूरेशियन चैती, गैडवाल, विजियन्स, स्टेपी ईगल, लॉन्ग-लेग्ड बज़र्ड, ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, कॉमन केस्ट्रल आदि पक्षी देखे जा रहे हैं।