गुजरात सरकार द्वारा राज्य के पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर को पहले से मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है। इसी के तहत राज्य के अलग-अलग शहरों और जिलों में रिनोवेशन और रिडेवलपमेंट का काम हो रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा मोरबी के माछू-2 बांध पर मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। राज्य सरकार ने प्रशासन को बांध की मरम्मत की मंजूरी दे दी है। सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद प्रशासन ने बांध के 2 गेट 2 फीट खोल दिए हैं। इसके साथ ही मोरबी तालुका के कुल 20 गांवों और मालिया तालुका के 9 गांवों को अलर्ट कर दिया गया है।
खोले गए बांध के गेट
जानकारी के अनुसार, माछू-2 बांध से 1,300 क्यूसेक से लेकर 3,500 क्यूसेक तक पानी चरणबद्ध तरीके से छोड़ा जा रहा है। मच्छू-2 सिंचाई उप-विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बांध के पास गेटों की मरम्मत और बदलने के लिए दो गेटों को दो फीट तक खोला गया है। इससे 1,300 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पानी का प्रवाह धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,500 क्यूसेक तक किया जाएगा। इसके अलावा, मोरबी और मालिया मियाना तालुका के निचले इलाकों के गांवों के निवासियों को नदी के किनारे न जाने की चेतावनी दी गई है।
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इन 29 गांवों मिला अलर्ट
मच्छू-2 बांध से पानी छोड़े जाने के कारण 29 गांवों के निवासियों को अलर्ट कर दिया गया है। इसमें मोरबी तालुका में जोधापार, लीलापार, भदियाद, टिंबडी, धरमपुर, रावापार, अमरेली, वनलिया, गोर खिजड़िया, मानसर, नवा सादुल्का, जूना सादुल्का, गुंगन, नारंका, बहादुरगढ़, जूना नागदावास, नवा नागदावास, सोखड़ा और अमरनगर गांवों के नाम शामिल हैं। वहीं, मालिया तालुका से वीरपर्दा, देराला, नवगाम, मेधापार, हरिपार, महेंद्रगढ़, फतेपुर, सोनगढ़ और मालिया गांव का नाम शामिल है। यहां निवासियों को सावधानी बरतने और नदी के किनारे से गुजरने से बचने का निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि गर्मियों के दौरान मच्छू-2 बांध को खाली करने से मोरबी में पेयजल आपूर्ति पर असर पड़ने की आशंका है।