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गुजरात में मिडिल क्लास फैमली के लिए मंहगा होगा घर खरीदना; जानें कब लागू होंगी नई दरें

Gujarat middle Class Expensive Buying a House: गुजरात में 1 अप्रैल, 2025 से नई जंत्री दरें प्रभावी हो जाएंगी। इसकी वजह से गुजरात में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ जाएगी।

Edited By : Pooja Mishra | Updated: Dec 4, 2024 14:48
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Gujarat middle Class Expensive Buying a House

Gujarat middle Class Expensive Buying a House: गुजरात में अब मिडिल क्लास फैमली के लिए घर बनाना या जमीन खरीदना महंगा होने वाला है। क्योंकि राज्य में 1 अप्रैल, 2025 से नई जंत्री दरें प्रभावी हो जाएंगी। इसकी वजह से गुजरात में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ जाएगी। नई व्यवस्था के अनुसार, अब लोगों को प्रॉपर्टी की कीमत दो से तीन गुनी मंहगी हो जाएगी। नई व्यवस्था लागू होने से देय राशि में 100 से 200 फीसदी तक बढ़ोतरी होगी। सरकार द्वारा अचानक जंत्री के दाम बढ़ाने से बिल्डर और डेवलपर्स असमंजस में आ गए हैं। इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से क्रेडाई के जरिए घोषित किए गए प्रस्तावित जंत्री पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्रेडाई ने अपनाया सकारात्मक रुख

क्रेडाई या गाहेड अहमदाबाद के अध्यक्ष ध्रुव पटेल ने कहा कि जंत्री 2011 में आ रही थी, जिसके बाद 12 साल तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। विकास को ध्यान में रखते हुए क्रेडाई सरकार को सिफारिशें करती रही है। जंत्री दोहरीकरण की घोषणा मार्च 2023 में एक आश्चर्य के रूप में की गई थी। फिर भी, क्रेडाई ने सकारात्मक रुख अपनाया। अब 12 साल बाद सरकार ने वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराकर जंत्री को बेहतर बनाने की बात कही है। उन्होंने बताया कि उन लोगों ने सीएम भूपेंद्र को आवेदन दिया था कि राज्य में 40 हजार वैल्यू जोन हैं। राज्य में जमीन से जुड़े कई तरह के मामले किसानों से लेकर सभी पर लागू होते हैं।

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हो सकती है इतनी ज्यादा वृद्धि

उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने खुद तो डेढ़ साल लगा दिए लेकिन जनता को सुझाव के लिए सिर्फ 1 महीने समय दिया गया। हमारे सर्वेक्षण के अनुसार, वर्तमान प्रस्तावित जंत्री में औसतन 200 प्रतिशत से 2000 प्रतिशत की वृद्धि होती दिख रही है। हमारा भी मानना ​​है कि जंत्री विकास और समय के हिसाब से बढ़नी चाहिए, लेकिन इतनी अचानक बढ़ोतरी स्वीकार्य नहीं है। सरकार खुद समीक्षा करने में डेढ़ साल लगाती है और जनता को सिर्फ 1 महीना देती है। इसके साथ ही उन्होंने अनुरोध किया कि उन्हें समीक्षा के लिए 31 मार्च 2025 तक का टाइम दिया जाए।

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ऑफलाइन आपत्ति सुझाव

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ऑनलाइन समीक्षा समाधान उपयोगकर्ता के अनुकूल नहीं है, इसमें कई तरह की टेक्नीकल गड़बड़ियां हैं। अहमदाबाद जैसे महानगर में हम जैसे पढ़े-लिखे लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण इलाकों के लोग ये सुझाव नहीं दे सकते। इसलिए यह भी मांग की गई है कि आपत्ति सुझाव ऑफलाइन पद्धति से स्वीकार किए जाएं। मामलतदार और कलेक्टर कार्यालय को आपत्ति सुझावों को लिखित रूप में स्वीकार करना चाहिए। प्रस्तावित जंत्री के मामले में हम भी अभी तक गहन अध्ययन नहीं कर पाये हैं। नहीं तो इस जंत्री की स्वीकृति किसी भी समय स्वीकार्य नहीं है। सरकार हमें कार्यान्वयन के लिए विस्तार दे और ऑफलाइन आपत्ति सुझाव स्वीकार करने का विकल्प दें। वैज्ञानिक विधि से हो सर्वे हमें यह भी पता नहीं कि जंत्री की घोषणा किन नियमों के तहत की गई।

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Written By

Pooja Mishra

First published on: Dec 04, 2024 02:48 PM

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