Green Recharge Station: देश की सबसे लंबी बीआरटीएस सड़क अब इलेक्ट्रिक बसों के लिए 100 प्रतिशत उपयुक्त हो गई है। अब सूरत नगर निगम इस मार्ग पर चलने वाली उन इलेक्ट्रिक बीआरटीएस बसों की बैटरियां भी रिचार्ज करेगा, जिनकी वैधता समाप्त हो चुकी है। सूरत नगर निगम अब ई-बसों को सौर एनर्जी से रिचार्ज करेगा। इसके लिए एक जर्मन कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर हो चुके हैं। देश का पहला ग्रीन रिचार्ज स्टेशन अब सूरत में बनाया जाएगा।
- सौर पैनलों पर 25 साल की वारंटी होगी।
- इन्वर्टर पर 5 साल की वारंटी होगी।
- 225 KWH क्षमता वाली सेकंड-लाइफ बैटरी पर 8 साल की वारंटी होगी।
- इस प्रोजेक्ट से हर साल लगभग 1 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी।
ई-बसों को सौर ऊर्जा से किया जाएगा रिचार्ज
सूरत का बीआरटीएस मार्ग, जो देश में सबसे लंबा है, 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बस-अनुकूल बन गया है। इसके साथ ही सूरत नगर निगम उन रूट की इलेक्ट्रिक बीआरटीएस बसों की बैटरी भी रिचार्ज करेगा, जिनकी वैधता खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही सूरत नगर निगम अब ई-बसों को सौर ऊर्जा से रिचार्ज करेगा।
इसके लिए एक जर्मन कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। जिसके तहत सूरत में देश का पहला ग्रीन रिचार्ज स्टेशन बनाया जाएगा। चूंकि सौर ऊर्जा से पैदा होने वाली बिजली को सीधे स्टोर नहीं किया जा सकता, इसलिए सूरत नगर निगम ने एक जर्मन संस्था के साथ एमओयू साइन किया है। देश में पहला ग्रीन रिचार्ज स्टेशन बनाने की योजना है।
इस स्टेशन से इलेक्ट्रिक बसों को रिचार्ज किया जाएगा और बीआरटीएस बसों की खत्म हो चुकी बैटरियों में सौर ऊर्जा के जरिए ऊर्जा बचाई जाएगी। यानी इलेक्ट्रिक बस डिपो में सेकेंड लाइफ बैटरी वाली व्यवस्था शुरू की जाएगी। लाइट एंड एनर्जी एफिशिएंसी सेल के जरिए अलथान इलेक्ट्रिक बस डिपो में 100 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा।
यह प्लांट सेकेंड लाइफ बैटरियों को चार्ज करेगा। इस परियोजना को जर्मन तकनीकी सहयोग एजेंसी द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा तथा इसे पायलट परियोजना के रूप में अमल किया जाएगा। जीआईजेड 2026 तक अपने खुद के खर्च पर इस परियोजना की स्थापना और संचालन करेगा। इसके बाद सूरत नगर निगम इसका प्रबंधन और रखरखाव करेगा। यह बैटरी चार्जिंग स्टोरेज के रूप में काम करेगी। जिसके जरिए इलेक्ट्रिक बसों को रात में भी चार्ज किया जा सकेगा।
जर्मन संगठन के साथ एमओयू साइन
चूंकि सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली को सीधे संग्रहित नहीं किया जा सकता है। इसलिए सूरत नगर निगम एक जर्मन संगठन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके देश का पहला ग्रीन रिचार्ज स्टेशन बनाने की योजना बना रहा है। इस स्टेशन पर बीआरटीएस बसों की एक्सपायर हो चुकी बैटरियों में सौर ऊर्जा के जरिए ऊर्जा संग्रहित की जाएगी।
यानी इलेक्ट्रिक बस डिपो में सेकेंड लाइफ बैटरी वाली व्यवस्था शुरू की जाएगी। लाइट एंड एनर्जी एफिशिएंसी सेल के जरिए अलथान इलेक्ट्रिक बस डिपो में 100 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा। यह संयंत्र सेकेंड लाइफ बैटरियों को चार्ज करेगा। इस परियोजना को जर्मन तकनीकी सहयोग संस्थान (जीआईजेड) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा तथा इसे पायलट परियोजना के रूप में अमल किया जाएगा।
सूरत नगर पालिका आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने टिकाऊ और जलवायु अनुकूल ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में सूरत को पायलट शहर के रूप में चुना है। इसके तहत सूरत में इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए अलग-अलग योजनाएं अमल की जा रही हैं।
इस परियोजना के हिस्से के रूप में, जीआईजेड 1.50 करोड़ रुपये की लागत से अलथान इलेक्ट्रिक बस डिपो की छत पर 100 किलोवाट क्षमता के सौर फोटोवोल्टिक पैनल, इनवर्टर और सेकेंड लाइफ बैटरी स्थापित करेगा।
जीआईजेड 2026 तक अपने खुद के खर्च पर इस परियोजना की स्थापना और संचालन करेगा। इसके बाद सूरत नगर निगम इसका प्रबंधन और रखरखाव करेगा। यह बैटरी चार्जिंग स्टोरेज के रूप में काम करेगी। जिसके जरिए इलेक्ट्रिक बसों को रात में भी चार्ज किया जा सकेगा।
ये भी पढ़ें- गुजरात को मिला 10,000 करोड़ रुपये का निवेश, राज्य में 50000 नई नौकरियां