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गुजरात सरकार की संत सूरदास योजना क्या है? हर महीने मिलते हैं 1,000 रुपये, कौन ले सकता है लाभ, जानें

दिव्यांगों के सशक्तीकरण के लिए गुजरात सरकार की संत सूरदास योजना देश भर के अन्य राज्यों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए 80% विकलांगता की सीमा को घटा दिया गया है।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Apr 4, 2025 13:53
संत सूरदास योजना
संत सूरदास योजना

दिव्यांगों के सशक्तीकरण के लिए गुजरात सरकार की संत सूरदास योजना देश भर के अन्य राज्यों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगी। संत सूरदास योजना दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण है। इस योजना का लाभ लेने के लिए 80% विकलांगता की सीमा को घटा दिया गया है।

गुजरात सरकार ने दिव्यांगों के जीवन को आसान और सम्मानजनक बनाने के लिए “संत सूरदास योजना” नामक एक क्रांतिकारी पहल शुरू की है। ढाई दशक से यह योजना दिव्यांगों को आर्थिक सहायता देने के साथ ही आत्मनिर्भर बनाने में वरदान साबित हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में हाल में किए गए बदलावों के साथ, यह योजना अब अधिक व्यापक और समावेशी हो गई है, जो राज्य के हजारों दिव्यांग लोगों के लिए आशा की किरण बन गई है।

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दिव्यांग लोगों को मिलेगा लाभ

इस योजना में हाल ही में हुए बदलावों के कारण इसका दायरा कई गुना बढ़ गया है। पहले इस योजना का लाभ लेने के लिए कम से कम 80 प्रतिशत विकलांगता होना आवश्यक था, लेकिन अब यह सीमा घटाकर 60% कर दी गई है। इस फैसले से राज्य के लगभग 82,000 दिव्यांग लोगों को लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसके अलावा, आयु और आय सीमाएं भी हटा दी गई हैं, जिससे सभी पात्र लाभार्थियों को समान सहायता सुनिश्चित हो सकेगी। बीपीएल कार्ड और 0-17 वर्ष आयु वर्ग की जरूरत को भी हटा दिया गया है, जिससे यह योजना और अधिक सरल और सुलभ हो जाएगी।

वित्तीय सहायता का मजबूत पहलू

रुपये की 50 लाख की व्यवस्था है। संत सूरदास योजना के तहत विकलांगों को 1000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। 1 हजार की सहायता प्रदान की जाती है। बहुत पारदर्शिता के साथ यह राशि डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में जमा कर दी जाती है। वर्ष 2024-25 में कुल रु. इस योजना के तहत 31 जनवरी 2025 तक 45,788 लाभार्थियों को 100,000 रुपये वितरित किए जाएंगे। 40 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता का भुगतान किया जा चुका है। ये आंकड़े योजना की बढ़ती प्रभावशीलता को दर्शाते हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। साल 2025-26 के बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके लिए 99 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो दिव्यांगजनों के कल्याण के प्रति सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

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दिव्यांगजनों के जीवन को बनाएगा आसान

गुजरात सरकार दिव्यांगजनों के जीवन को आसान और समृद्ध बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह योजना न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि दिव्यांगों को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने का भी प्रयास करती है। संत सूरदास योजना गुजरात सरकार की एक पहल है जो विकलांगों के जीवन में आशा और विश्वास पैदा करती है। इस योजना से न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा, बल्कि वे समाज के अभिन्न अंग के रूप में अपनी स्थिति भी मजबूत कर सकेंगे। गुजरात का यह कदम देश भर के राज्यों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा। संत सूरदास योजना दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के लिए एक मजबूत आधारशिला रख रही है। 99 करोड़ रुपये के बजट आवंटन के साथ, यह योजना आने वाले सालों में अधिक लाभार्थियों तक पहुंचेगी और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी। यह योजना न केवल दिव्यांगों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि उन्हें समाज में समानता और सम्मान का अधिकार भी देती है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Apr 04, 2025 01:53 PM

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