Pashu Khandan Sahay Yojana: गुजरात में पशुपालन व्यवसाय लगातार बढ़ रहा है, खासकर सौराष्ट्र क्षेत्र में काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है। यहां के किसान और पशुपालक अब सरकार द्वारा दिए गए अनेक योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, जिससे उनका कारोबार बढ़ रहा है।
इन योजनाओं में चारा कटर योजना और खानदान योजना जैसी प्रमुख योजनाएं शामिल हैं, जो पशुपालन के व्यवसाय को आसान और लाभदायक बनाती हैं। इन योजनाओं के जरिए किसानों को न केवल वित्तीय सहायता मिलती है, बल्कि उनके पशुओं के लिए जरूरी भोजन भी मिलता है, जो पशुपालन व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण है।
खानदान योजना का लाभ कैसे उठाएं?
पशु खनिज सहायता योजना के तहत पशुपालकों को खनिज आहार खरीदने के लिए सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाती है, जिससे पशुओं के पोषण में मदद मिलती है। इस योजना से पशुओं को जरूरी खनिज उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर होता है और उत्पादन भी बढ़ता है। यह योजना विशेष रूप से दो प्रकार की सहायता देती है।
गर्भवती पशुओं के लिए खनिज
ये खनिज गर्भवती पशुओं को दिए जाते हैं ताकि वे स्वस्थ रहें और उनकी संतानों को भी सही पोषण मिले। इसके अलावा जब बछड़ा दूध पीना बंद कर देता है, तो उसे खनिज दिए जाते हैं, ताकि उसके स्वास्थ्य में कोई गिरावट न आए और वह जल्दी बढ़े।
अप्लाई कैसे करें
इस योजना का लाभ उठाने के लिए पशुपालकों को iKhedut पोर्टल पर अप्लाई करना होगा। यह पोर्टल तभी खुलता है जब आवेदन की अवधि सरकार द्वारा निर्धारित कर दी जाती है। आवेदन प्रक्रिया एक महीने के भीतर पूरा करना जरूरी है। आवेदन के दौरान पशुपालकों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, नाम विवरण और मोबाइल नंबर जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने होंगे। इसके बाद जिला पंचायत द्वारा लॉटरी निकाली जाती है। जिन पशुपालकों के नाम इस ड्रा में आएंगे, वे 150 किलोग्राम खनिज का लाभ पाने के पात्र होंगे। इस प्रोसेस से न केवल पारदर्शिता बनी रहती है बल्कि यह भी निश्चय
करता है कि सभी पात्र किसानों को यह सहायता मिले।
खनन योजना का महत्व
खानदान योजना पशुपालकों के लिए महत्वपूर्ण सहायता साबित हो रही है। यह योजना न केवल पशुपालकों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, बल्कि उनके व्यवसाय को अधिक सुविधाजनक और फायदेमंद भी बना रही है। इसके साथ ही पशुओं का स्वास्थ्य भी बेहतर हो रहा है, जिससे उत्पादन बढ़ रहा है और किसान की आय भी बढ़ रही है। इस प्रकार, खानदान योजना पशुपालकों के लिए एक लाभदायक अवसर देती है, जिससे उनका व्यवसाय और मजबूत हो सकता है।
पशु चारा सब्सिडी योजना के लिए पात्रता
- लाभार्थी गुजरात राज्य का नागरिक होना चाहिए।
- लाभार्थी पशुपालक होना चाहिए।
- पशुपालक के पास अपनी गाय, भैंस और अन्य पशु होने चाहिए।
- पशुपालकों की गायें और भैंसें गर्भवती होनी चाहिए।
- लाभार्थी को मिल्क यूनियन का सदस्य होना चाहिए।
- पशुपालन योजना के लाभार्थी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य जाति के लोग होंगे।
- खेदूत पोर्टल के तहत इस योजना का लाभ उठाने के लिए पहले कब लाभ लिया गया था, इसकी जानकारी देनी होगी।
- आपको खेदूत पोर्टल से ऑनलाइन अप्लाई करना होगा।
- प्रति पशु, प्रति पशुपालक हर साल एकमुश्त सहायता उपलब्ध होगी।
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