गुजरात सरकार ने राज्य के किसानों, आम नागरिकों और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए जरूरी फैसले लिए हैं। इन निर्णयों से राज्य में रेवेन्यू प्रोसेस को आसान बनाना, आम नागरिकों की सुविधा के साथ-साथ इंडस्ट्रियलाइजेशन, व्यापार, व्यवसाय और रोजगार के साथ-साथ किफायती आवास के प्रोसेस में और तेजी आएगी। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार के सफल सुशासन में ये निर्णय व्यापार करने में आसानी को और ज्यादा लोगों के अनुकूल बनाएंगे।
इन महत्वपूर्ण निर्णयों को राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि राज्य में कृषि के लिए अधिग्रहित नई भूमि की बिक्री, ट्रांसफर और उद्देश्य/स्थिति में बदलाव के मामलों में संबंधित कलेक्टर या सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन पहले अप्रूवल लेने की प्रथा वर्तमान में लागू है। इसके अलावा, किसानों को ऐसी भूमि को परिवर्तित करते समय जरूरी प्रीमियम भी देना पड़ता है।
किसानों को मिलेगी छूट
मुख्यमंत्री ने ऐसे मामलों को सरल बनाने के उद्देश्य से राज्य की नगरपालिकाओं, शहरी प्राधिकरण बोर्डों और भावनगर, जामनगर और जूनागढ़ क्षेत्र विकास बोर्डों के क्षेत्रों को छोड़कर, पूरे राज्य में सभी नई, अविभाजित और बैन की गई जमीन को अब से पुरानी स्थिति के रूप में माना जाएगा।
किसानों को कृषि और गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए भूमि के बदलाव के लिए देय प्रीमियम से छूट दी जाएगी और ममलतदार को भूमि को पुरानी भूमि में परिवर्तन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
इन फैसलों से किसानों और आम नागरिकों के लिए जमीन की खरीद, बिक्री और हस्तांतरण की शर्तों में बदलाव की प्रशासनिक प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी। इससे औद्योगीकरण और विकास, रोजगार और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ावा मिलेगा। छोटे किसानों के जीवन में सुधार आएगा तथा भूमि की बिक्री के समय पर्याप्त मूल्य मिलेगा। इसके अलावा सरकारी कार्यालयों में प्रीमियम भुगतान से छूट मिलेगी।
30 दिन के भीतर निर्णय लेने के निर्देश
- अगर प्रमाण पत्र मिलने के बाद गैर-कृषि आवेदन किया जाता है, तो प्रीमियम/जुर्माना/किसी चीज को बदलना/विशेष कर का भुगतान करने के लिए 10 दिनों के भीतर नोटिफिकेशन भेजा जाएगा।
- अगर प्रमाण पत्र के बिना भी गैर-कृषि आवेदन किया जाता है, तो मौजूदा व्यवस्था के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
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