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गुजरात

Gujarat: प्रॉपर्टी के दस्तावेजों के रजिस्ट्रेशन में नया नियम, पालन नहीं किया तो IT से आएगा नोटिस

गुजरात के गांधीनगर में अब बिक्री दस्तावेज में 2 लाख से ज्यादा नकदी लिखी होने पर आईटी को जानकारी देनी होगी। इस संबंध में रजिस्ट्रार जनरल द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है। अगर कोई जानकारी छिपा रहा है, तो इसके लिए अधिकारी पर क्या कार्रवाई होगी, आइए जानें।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: May 3, 2025 14:56
Property Documents New Rule in gandhinagar
Property Documents New Rule in gandhinagar

गांधीनगर से बड़ी अपडेट आई है। बिक्री दस्तावेज में 2 लाख से अधिक नकदी लिखी होने पर आईटी को जानकारी देनी होगी। इस संबंध में रजिस्ट्रार जनरल द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है। इतना ही नहीं, जानकारी छिपाने वाले सब रजिस्ट्रार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह फैसला दस्तावेजों के रजिस्ट्रेशन में कालाबाजारी को रोकने के लिए लिया गया है। सरकार की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगर बिक्री दस्तावेज में 2 लाख रुपये या उससे ज्यादा की राशि नकद प्रतिफल के रूप में दिखाई दी जाती है, तो इसकी सूचना इनकम टैक्स अथॉरिटी को देनी होगी। जब किसी आयकर अधिकारी को जांच के दौरान या वैध तरीके से दो लाख की नकद राशि रिश्वत के रूप में भुगतान किए जाने की जानकारी मिलती है, तो उसे उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए मुख्य सचिव को सूचित करने के लिए कहा गया है।

अगर अचल संपत्ति के ट्रांसफर या संपत्ति के ट्रांसफर को प्रभावित करने वाले दस्तावेजों में प्रतिफल का जिक्र है, अगर रुपये का प्रतिफल देने का उल्लेख है। 2 लाख से अधिक की राशि का लेनदेन होने पर उस दस्तावेज की जानकारी (दस्तावेज का प्रकार, प्रतिफल का विवरण, देने और लेने वाले पक्षों का नाम) आयकर प्राधिकरण को सूचित की जाएगी। किसी भी निर्देशों का पालन न करने की स्थिति में इस कार्यालय के विचारार्थ संबंधित कंपनी रजिस्ट्रार के सामने अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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अधिकारी को कहां सूचना भेजनी होगी?

इस प्रकार, गुजरात में काले धन और बेनामी लेनदेन को रोकने के लिए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है। नए नियमों के कारण, अब गुजरात में सभी दस्तावेजों को सब रजिस्ट्रारों द्वारा संपूर्णता में पढ़ा जाएगा और अगर उनमें से किसी में 2 लाख रुपये या उससे अधिक की नकदी का उल्लेख है, तो उस दस्तावेज की सभी जानकारी आयकर अधिकारी को भेजी जाएगी।

सरकार के इस फैसले से क्या लाभ होगा?

दो लाख या उससे अधिक के नकद लेनदेन पहले से ही आयकर के रडार पर हैं। वर्तमान में सब रजिस्ट्रार द्वारा आयकर की रिपोर्ट नहीं की जाती है। अगर ऐसा किया भी जाता है, तो सालों बीत जाते हैं। इस स्थिति में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नकद लेन-देन का पता लगाना आसान हो जाएगा। यानी यह पता लगाना कि किसका काला धन कहां और किस तरह की संपत्तियों में निवेश किया गया है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: May 03, 2025 02:56 PM

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