Fake engineer Extorted 18.5 crores in Chhota Udaipur(भूपेंद्र ठाकुर): गुजरात के छोटा उदयपुर में नकली कचहरी के फर्जी इंजीनियर बनकर सरकार से विकास कार्यों के लिए ऐंठे गए असली करोड़ों रूपये की ग्रांट मामले के तार अब गुजरात में एक दूसरे जिले तक पहुंचते दिखाई दे रहे हैं। छोटा उदयपुर में 3 साल से चल रहे इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद पुलिस ने फर्जी इंजीनियर संदीप राजपूत और ठेकेदार अबूबकर सैयद की गिरफ्तारी के बाद जब दबिश दी तो पता चला कि छोटा उदयपुर में विकास कार्यों के लिए ली गई करीबन साढ़े 4 करोड़ की ग्रांट से कोई काम किया ही नहीं गया, जबकि पुराने कामों पर ही लीपा-पोती कर उसके फोटो दिखाए गए।
सरकार को लगाया 18 करोड़ 59 लाख का चूना
इतना ही नहीं जब और तफ्तीश की गई तो पता चला कि ये मामला सिर्फ एक जिले छोटा उदयपुर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इन जालसाजों ने सरकार को चूना लगाने के लिए दाहोद के भी करीबन 6 इलाकों में कागजात पर नकली कचहरिया दिखाकर विकास कार्यों के नाम पर 18 करोड़ 59 लाख से ज्यादा की रकम ग्रांट के तौर पर सरकार से ऐंठी है। 2018 से 2023 तक ये 6 नकली कचहरी के फर्जी कागजात के जरिये संदीप राजपूत और ठेकेदार अबूबकर ने सरकार से 100 अलग-अलग विकास कार्यों के नाम पर करोड़ों रूपये मंजूर करवाए।
7 आरोपी गिरफ्तार
छोटा उदयपुर फर्जी सरकारी कार्यालय घोटाला मामले में संदीप और अबूबकर के अलावा पूर्व सहायक आदिवासी विकास अधिकारी दिनेश चौधरी और पूर्व उप कार्यकारी इंजीनियर मयूर पटेल के साथ 7 आरोपी गिरफ्तार किये गए हैं, वहीं अब दाहोद के फर्जीवाड़े में छोटा उदेपुर के ए डिवीजन थाने में संदीप राजपूत और अबूबकर के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है और इस घोटाले की जांच के लिए दाहोद के एएसपी के. सिद्धार्थ को नियुक्त किया गया है।