मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में स्थानीय स्वशासन की संस्थाओं, ग्राम पंचायतों, तालुका पंचायतों और जिला पंचायतों के ढांचे को मजबूत करने और फर्निश्ड ऑफिस बनाने के लिए एक जरूरी निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने राज्य की उन ग्राम पंचायतों को नए पंचायत घरों के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली राशि में वृद्धि की है, जिनके पंचायत घर टूटे-फूटे हैं तथा जिन ग्राम पंचायतों में पंचायत घर नहीं हैं। इसके अलावा नए ग्राम पंचायत भवन के साथ-साथ तलाटी-सह-मंत्री आवास का निर्माण करके ग्रामीण स्तर पर तलाटी की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ग्राम-अनुकूल दृष्टिकोण भी अपनाया गया है। जनसंख्या के आधार पर नए पंचायत घरों के लिए ग्राम पंचायतों को 25 से 40 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। ग्राम पंचायत भवन के साथ तलाटी-सह-मंत्री आवास के निर्माण से लोगों के लिए गांव स्तर पर तलाटी तक पहुंचना आसान हो जाएगा।
कितनी बढ़ी है राशि
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में 10,000 या उससे अधिक आबादी वाले गांवों में ग्राम पंचायत घरों के निर्माण की इकाई लागत को रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया है। बता दें, पहले यह 27 लाख रुपये था, लेकिन अब 40 लाख रुपये तय किया गया है। 5 हजार से कम आबादी वाले गांवों के लिए राज्य सरकार 15 लाख रुपये की सहायता देगी। अधिकतम सहायता 25 लाख रुपये के स्थान पर 25 लाख रुपये कर दी गई है। नए पंचायत घरों के निर्माण के लिए 17 लाख रुपये देगी।
लोगों को मिलेंगी सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने राज्य में तालुका पंचायत कार्यालयों के निर्माण के लिए मौजूदा अनुदान सहायता को 3 करोड़ 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये करने का भी निर्णय लिया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जिला पंचायत कार्यालयों के लिए भवन निर्माण की इकाई लागत में भी बढ़ोतरी की है। राज्य सरकार जिला पंचायत को उसके नए भवन के निर्माण के लिए 38 करोड़ रुपये के स्थान पर 52 करोड़ रुपये प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के निर्णय के अनुसार, ग्रामीण स्तर से लेकर जिला पंचायत स्तर तक अधिक फर्निश्ड ऑफिस बनाए जाएंगे, जिससे लोगों के लिए चीजें आसान हो जाएंगी और उन्हें अधिक मजबूत सेवा बुनियादी ढांचा प्रदान किया जाएगा। पंचायत, ग्रामीण आवास और ग्रामीण विकास विभाग ने मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए इन निर्णयों के बारे में जानकारी दी है।
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