Rahul Gandhi Defamation Case: गुजरात में भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका के जवाब में 30 पन्नों की आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी आपत्ति दो प्रतियों में दाखिल की है। एक प्रति कोर्ट के लिए तो दूसरी प्रति दूसरे पक्ष को दी है।
पूर्णेश मोदी की शिकायत पर मोदी सरनेम वाले बयान पर मानहानि केस में राहुल गांधी को सूरत की सेशन कोर्ट से दो साल की सजा हुई थी। उसके बाद उन्हें संसद पद से अयोग्य कर दिया गया था। इसके बाद राहुल गांधी ने दोष सिद्धि के खिलाफ अपील की थी।
13 अप्रैल को कोर्ट में होगी बहस
विधायक पूर्णेश मोदी के वकील केतन रेशमवाला ने बताया कि विधायक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरपी मोगेरा की अदालत में पेश हुए। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका पर 30 पन्नों की आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि इस मामले पर बहस 13 अप्रैल को होगी, उसी दिन सजा पर रोक लगाने की गांधी की याचिका पर सत्र अदालत में सुनवाई होनी है।
वकील ने कहा कि गुरुवार को अदालत में दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि निचली अदालत के दोषसिद्धि के आदेश के खिलाफ गांधी की अपील सत्र अदालत के समक्ष लंबित रहेगी और बाद में इस पर सुनवाई की जाएगी।
सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दी थी दो साल की सजा
सूरत की एक अदालत ने विधायक पूर्णेश मोदी की शिकायत पर 2019 के मानहानि के मामले में राहुल गांधी को 23 मार्च को दो साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार की एक सभा में मोदी सरनेम का इस्तेमाल करते हुए एक टिप्पणी की थी। राहुल ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?” इस फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने सत्र न्यायाधीश की अदालत में अपील की है। उन्हें जमानत मिल गई है। 13 अप्रैल को सुनवाई होनी है।
2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार गई थी सदस्यता
2013 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार, राहुल को 24 मार्च को एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सत्तारूढ़ के तहत, किसी भी सांसद या विधायक को दोषी ठहराए जाने और दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर स्वचालित रूप से अयोग्य घोषित किया जाता है।
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