Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा की बिसरख पुलिस ने जीएसटी रिफंड प्रक्रिया में संगठित कर चोरी और सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से फर्जी सील, दस्तावेज, बैंक चेकबुक और मोबाइल फोन बरामद किए हैं.
हापुड़ और बुलंदशहर के है आरोपी
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान प्रवीन कुमार निवासी सलोनी (हापुड़) और सतेन्द्र सिंह निवासी बिघराऊ (बुलंदशहर) के रूप में हुई है. दोनों ने पूछताछ में फर्जी केवाईसी दस्तावेज तैयार कर 85 फर्जी फर्में खोलने और जीएसटी आईटीसी रिफंड के जरिये 51 करोड़ रुपये की कर चोरी करने की बात कबूल की है.
पांच साल से सक्रिय था गिरोह, करोड़ों का लेनदेन
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और रेंट एग्रीमेंट बनवाकर विभिन्न नामों से उद्यम और जीएसटी पंजीकरण कराए. इन फर्मों के नाम पर बैंक ऑफ इंडिया की गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर की शाखाओं में खाते खोले गए.
जून से नवंबर तक चला खेल
इन खातों के माध्यम से 20 जून से 6 नवंबर 2025 के बीच 3.42 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन किया गया. गिरोह ने इन खातों से जुड़े 9 मोबाइल नंबर और 18 मोबाइल उपकरणों का उपयोग किया. जांच में पता चला कि इनसे जुड़े 87 सिम कार्डों के जरिये ही 85 फर्जी फर्मों का निर्माण किया गया.
350 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह ने इन फर्जी फर्मों के माध्यम से लगभग 350 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी किए और सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व से वंचित किया. गिरोह की छह प्रमुख फर्में थी.
व्हाट्सऐप कॉल और ईमेल से करते थे संपर्क
पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि आरोपी ट्रैकिंग से बचने के लिए सामान्य कॉलिंग की जगह व्हाट्सऐप कॉल और ईमेल के जरिये आपस में संपर्क करते थे. गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है, जो फर्जी दस्तावेज तैयार करने, मोबाइल सिम उपलब्ध कराने और बैंक खातों के संचालन में शामिल थे.
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