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Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में बैचलर होना गुनाह है, जानें कौन कर रहा समानता के अधिकार का हनन

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में बैचलर होना युवाओं के लिए किसी गुनाह से कम नहीं है। ऐसा हम नहीं कह रहे है, ऐसे मामले सामने आए है जिससे यह बात साबित हुई है। बैचलर को घर नहीं देने का तुगलकी फरमान जारी कर कई सोसायटी के एओए ने अपना काॅलर ऊंचा किया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : praveen vikram Updated: Jul 25, 2025 14:23

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में बैचलर होना युवाओं के लिए किसी गुनाह से कम नहीं है। ऐसा हम नहीं कह रहे है, ऐसे मामले सामने आए है जिससे यह बात साबित हुई है। बैचलर को घर नहीं देने का तुगलकी फरमान जारी कर कई सोसायटी के एओए ने अपना काॅलर ऊंचा किया है। मिग्सन ट्विंस सोसायटी में बैचलर्स को घर देने के विवाद में हुई मारपीट इस बात का जीता जागता उदाहरण है। इतना ही नहीं दो दिन पहले गौर सौंदर्यम सोसायटी के एओए ने भी बैचलर्स को घर नहीं देने का फरमान सुनाया था।

यह आदेश समानता के अधिकार का है हनन

गौतमबुद्धनगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमेंद्र भाटी ने बताया कि सोसायटी में बैचलर्स को किराए पर घर नहीं देने के कई कारण हो सकते है, लेकिन यह बात भी सच है कि यह समानता के अधिकार का हनन है। कोई भी सोसायटी लिखिति में यह निर्णय नहीं ले सकती है। यह पूरी तरह से भारतीय संविधान के खिलाफ है। संविधान के अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार कहता है कि नियम सबके लिए एक बराबर है। किसी को यह कहकर घर पर किराए पर न देना कि वह अनमैरिड है, यह पूरी तरह से गलत है।

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सोसायटी के लोग बोले, परिवार के साथ रहना मुश्किल

एक तरफ समानता के अधिकार का हवाला है तो दूसरी तरफ सोसायटी में रहने वाले लोगों का तर्क जानना भी जरूरी है। सोसायटी के एओए के लोगों का कहना है कि बैचलर्स को घर किराए पर देने पर युवक देर रात तेज आवाज में गाना बजाते है। आए दिन उनके यहां पार्टी होती है। कई बार शराब पार्टी के वीडियो भी वायरल हुए है। ऐसे में जिस घर में बैचलर्स किराए पर रहते है उनके आस-पास फैमिली का रहना मुश्किल हो जाता है।

बैचलर्स का झलका दर्द

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले बैचलर्स अक्षत, अभिनव समेत कई अन्य का कहना है कि वह अविवाहित है इसमें उनकी क्या गलती है। वह नौकरी के लिए इस शहर में रह रहे है। उनको कही किराए पर मकान नहीं मिलता है। ऐसे में उनको मजबूरी में पीजी या फिर छात्रावास में रहना पड़ता है। जरूरी नहीं कि हर बैचलर पार्टी करे या फिर तेज आवाज में म्यूजिक बजाए।

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First published on: Jul 25, 2025 02:23 PM

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