ESMA in Punjab: चंडीगढ: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को पूरे प्रदेश में ESMA एक्ट लागू किया है। सीएम ने ये फैसला जिला कार्यालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों की तरफ से हड़ताल के नोटिस जारी करने के बाद लिया है। राज्य में ये एक्ट 31 अक्टूबर तक लागू रहेगा। इस दौरान कोई भी अधिकारी और कर्मचारी अपनी पोस्टिंग और इलाके को नहीं छोड़ सकता।
कर्मचारियों का नोटिस
मालूम हो कि पंजाब में जिला कार्यालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने राज्य सरकार के लिए नोटिस जारी किया है। जिसमें सभी कर्मचारियों ने 11 सितंबर पर कलम छोड़ हड़ताल करने की धामकी दी है। ऐसे में सीएम मान ने कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य में ESMA एक्ट लागू किया।
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सीएम का सख्त निर्देश
ESMA एक्ट लागू करने के साथ ही सीएम मान ने जिलों के सभी अधिकारियों (पटवारी, कानूनगो, सर्किल रेवेन्यू ऑफिसर) और DC ऑफिस के सभी कर्मचारी को कड़ी चेतावनी देते हुए निर्देश दिया है। जिसमें उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा कि कर्मचारी कलम छोड़ हड़ताल करने के लिए पूरी तरह से आजाद है लेकिन हड़ताल खत्म होनें के बाद किसको काम पर वापस रखा जाएगा ये फैसला सरकार करेगी।
क्या होता है ESMA
ESMA (Essential Services Maintenance Act) ये वो एक्ट है जिससे सरकार हड़ताल को रोकने के लिए लागू करती है। ये एक्ट ज्यादा से ज्यादा 6 महीने तक के लिए लागू किया जा सकता है। ये एक केंद्रीय कानून है, लेकिन इस कानून को लागू करने के लिये राज्य सरकार पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। इस एक्ट के लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है या फिर उसमे शामिल होता है तो उसे 6 महीने तक की कैद या 250 रुपए जुर्माना हो सकता है या फिर दोनों हो सकते हैं। इस एक्ट को लागू करने से पहले सरकार को संबधित विभाग के कर्मचारियों को इसकी सूचना देनी पड़ती है।