---विज्ञापन---

दिल्ली

जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर होगी कड़ी कार्रवाई, दिल्ली सरकार ने जारी किए ये निर्देश

दिल्ली में नई सरकार में जनप्रतिनिधियों की बात नहीं मानने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने एक सर्कुलर जारी किया है।

Author Written By: Divya Aggarwal Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 21, 2025 21:20
CM Rekha Gupta press conference
CM Rekha Gupta

दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को अधिकारियों को मंत्रियों और विधायकों के कॉल या मैसेज का तुरंत जवाब देने का निर्देश दिया है। साथ ही ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। दरअसल, नई सरकार के गठन के बाद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अधिकारी लगातार विधायकों के फोन और चिट्ठियों का जवाब नहीं दे रहे हैं, इसको लेकर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार को लिखे पत्र में कहा था कि उन्हें बताया गया है कि कुछ अधिकारी विधायकों के पत्रों, फोन कॉल और मैसेज का जवाब नहीं देते हैं।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

इस पत्र के बाद मुख्य सचिव ने कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि मुख्य सचिव ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। सर्कुलर में कहा गया है कि सरकार ने विधायकों और सांसदों के साथ व्यवहार करते समय पालन किए जाने वाले प्रोटोकॉल के संबंध में व्यापक निर्देश जारी किए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (जीएडी) नवीन कुमार चौधरी द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सांसदों और विधायकों के साथ उचित संवाद और व्यवहार सुनिश्चित किया जाए।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें:- क्या दिल्ली में फोन पॉलिटिक्स हो रही? स्पीकर बोले- ‘अधिकारी फोन-चिट्ठियों का नहीं देते जवाब’

गंभीरता से लिया गया मामला

इसमें कहा गया है कि ऐसा कोई मौका नहीं होना चाहिए कि विधायकों या सांसदों को ऐसी शिकायतें करने के लिए बाध्य होना पड़े। इन निर्देशों का पालन नहीं करने पर उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और संबंधित अधिकारी के मूल्यांकन में यह एक महत्वपूर्ण इनपुट होगा। सर्कुलर में प्रशासन, सांसदों और विधायकों के आधिकारिक व्यवहार के बारे में एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी साझा की गई है, जिसे जीएडी ने 2020 में तैयार किया था। सर्कुलर की कॉपी उपराज्यपाल कार्यालय को भी जानकारी के लिए भेजी गई है। साथ ही सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष को भेजी गई है।

---विज्ञापन---

पंजाब के शंभू बॉर्डर से किसान आंदोलन हटाने का फायदा किसे?

View Results

सर्कुलर में कहा गया है कि सांसद या विधायक से प्राप्त सूचना पर तुरंत ध्यान दिया जाना चाहिए। एसओपी में कहा गया है कि सांसद या विधायक द्वारा मांगी गई सूचना प्रदान की जानी चाहिए। इसके अलावा इसमें कहा गया है कि सांसद या विधायक से प्राप्त प्रत्येक सूचना की 15 दिनों के भीतर रसीद दी जानी चाहिए। उसके बाद अगले 15 दिनों के भीतर जवाब दिया जाना चाहिए।

पहले भी अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं था

बता दें कि आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान भी जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों के तालमेल ठीक नहीं थे। विधानसभा सत्र के दौरान भी विधायक, मंत्रियों द्वारा विभाग प्रमुखों से जब किसी सवाल के जवाब मांगा जाता था तो वह उसे नहीं देते थे। जिस पर तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने भी कई बार चिंता जताई थी।

First published on: Mar 21, 2025 09:14 PM

संबंधित खबरें