---विज्ञापन---

दिल्ली

IGI एयरपोर्ट पर सिम तस्करी रैकेट का भंडाफोड़, ऑनलाइन गेमिंग धोखाधड़ी से जुड़े पांच लोग गिरफ्तार

SIM Card Smuggling Racket: यह जांच 15 फरवरी 2025 को IGI हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर एक यात्री को पकड़े जाने के बाद शुरू हुई थी। PS IGI एयरपोर्ट के तहत मध्य प्रदेश के देवास जिले के रहने वाले अश्विन कुमार (37) को गिरफ्तार किया गया। पढ़िए दिल्ली से राहुल की रिपोर्ट।

Author Edited By : Shabnaz Updated: May 25, 2025 14:31
SIM Card Smuggling Racket delhi

SIM Card Smuggling Racket: इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे की पुलिस ने एक बड़े सिम कार्ड तस्करी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए, मध्य प्रदेश के पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी एक बड़े ऑनलाइन गेमिंग नेटवर्क को सहयोग दे रहे थे। अधिकारियों ने धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए 398 एक्टिव भारतीय सिम कार्ड जब्त किए हैं, जिनका उपयोग विदेशों में अवैध ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों में ‘डिजिटल हथियार’ के रूप में किया जाना था।

सिम कार्ड तस्करी रैकेट का पर्दाफाश

IGI हवाई अड्डे पर CISF अधिकारियों ने दुबई जाने वाली इंडिगो की उड़ान के एक भारतीय यात्री सुनील रावत को रोका। व्यवहार की जांच और एक्स-रे स्कैनिंग के बाद, सुनील रावत के पास से 398 सक्रिय भारतीय सिम कार्ड (212 एयरटेल और 186 वोडाफोन आइडिया) पाए गए, जो सभी अलग-अलग भारतीय व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर्ड थे। पूछताछ में सुनील रावत ने खुलासा किया कि दुबई में काम करने वाले उसके दोस्त फैसल ने उसे सिम कार्ड ले जाने के बदले 35,000 रुपये नकद और दुबई में नौकरी का प्रस्ताव दिया था।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें: IPL 2025: दिल्ली के किन रास्तों पर आज एंट्री बैन, कौन से डायवर्ट? देखें एडवाइजरी

कुरियर के जरिए भेजे

ये सिम कार्ड उज्जैन, मध्य प्रदेश से अश्विन कुमार और अंकित कुमावत ने व्यवस्थित किए थे। यह कुरियर के जरिए गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में रावत को भेजे गए थे। आगे की जांच से पता चला कि ये सिम कार्ड अंकित कुमावत ने धोखाधड़ी से लिए थे। उसने उज्जैन और देवास के लोगों को मुफ्त डेटा और कॉल वाले प्रचार ऑफर का लालच दिया। उसने उन्हें एक महीने के लिए अपने नाम पर सिम एक्टिवेट कराने के लिए राजी किया और वादा किया कि बाद में सिम डिएक्टिवेट कर दिए जाएंगे। हालांकि, डिएक्टिवेट करने के बजाय, कुमावत ने उन्हें अश्विन कुमार को 500 रुपये प्रति सिम कार्ड के हिसाब से अवैध रूप से बेच दिया।

---विज्ञापन---

मामले में हुई गिरफ्तारी

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के निवासी अंकित कुमावत (30) को उसके उज्जैन स्थित घर से गिरफ्तार किया गया। हिरासत में पूछताछ के दौरान, उसने अश्विन कुमार का नाम लिया और धोखाधड़ी से लिए सिम कार्ड उसे बेचने की बात कबूल की। तकनीकी निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर, मध्य प्रदेश के देवास जिले के निवासी अश्विन कुमार (37) को देवास से पकड़ा गया और गिरफ्तार किया गया। उसने अपना अपराध कबूल करते हुए बताया कि दुबई में एक टेलीकॉम दुकान में काम करने वाले उसके छोटे भाई मनीष कुमार ने उसे फैसल से मिलवाया था।

कार्ड के लिए कितने रुपये की पेशकश?

फैसल ने एक्टिव भारतीय सिम कार्ड 2,000 रुपये प्रति सिम कार्ड के हिसाब से खरीदने की पेशकश की थी। अश्विन कुमार ने अंकित कुमावत की मदद से 398 सिम कार्ड हासिल किए और उसे प्रति सिम कार्ड 500 रुपये का भुगतान किया। अश्विन कुमार ने खुलासा किया कि फैसल इन सिम कार्ड का उपयोग विभिन्न ऑनलाइन गेमिंग एप्लिकेशन में पॉइंट जमा करने और फिर उन पॉइंट को अधिक मुनाफे में बेचने के लिए करता है। अश्विन कुमार के कबूलनामे के आधार पर, उसके सहयोगी लोकेंद्र सेंदव (34) और द्वारका प्रसाद (36), दोनों देवास के रहने वाले, को भी गिरफ्तार किया गया।

सिम कार्ड दिलवाने के बदले कमीशन

सिम कार्ड के भुगतान के लिए लोकेंद्र सेंदव के बैंक खाते का उपयोग किया गया था, जबकि द्वारका प्रसाद ने अंकित कुमावत को अश्विन कुमार से मिलवाया था और उसे धोखाधड़ी से सिम कार्ड दिलवाने के बदले कमीशन लिया था। बाद में, मनीष कुमार (35) को भी इस मामले में उसकी संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया। उसने आगे खुलासा किया कि फैसल ने उसे जितने संभव हो उतने एक्टिव सिम कार्ड प्राप्त करने और उसे 2000 रुपये प्रति सिम कार्ड की कीमत पर देने के लिए कहा था।

मामले की जांच अभी भी जारी है, जिसमें आरोपी फैसल और अगर कोई अन्य संदिग्ध हो तो उसे पकड़ने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही, आरोपियों के बीच के संबंध का पता लगाने और बरामद किए गए सिम कार्ड के जरिए हो रही धोखाधड़ी और ठगी के नेटवर्क का भी खुलासा करना है। इस मामले से जुड़े अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी और ठगी सिंडिकेट को खत्म करने के प्रयास जारी हैं।

ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट से एलजी विनय सक्सेना को बड़ी राहत, दिल्ली सरकार की इस बड़ी मांग को किया मंजूर

First published on: May 25, 2025 02:31 PM

संबंधित खबरें