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दिल्ली

दिल्‍ली दंगा मामले में कपिल मिश्रा को झटका, कोर्ट ने दिया FIR दर्ज करने का आदेश

राउज एवेन्यू कोर्ट ने यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि कपिल मिश्रा कथित अपराध के समय इलाके में थे और आगे जांच की आवश्यकता है। इलियास ने याचिका दायर कर कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 1, 2025 17:03
Delhi Law Minister Kapil Mishra
दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा।

उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में दिल्ली सरकार के कानून मंत्री कपिल मिश्रा को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों में कथित भूमिका के संबंध में कपिल मिश्रा के खिलाफ आगे की जांच और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए है। कपिल मिश्रा के खिलाफ दिल्ली दंगों में उनकी कथित भूमिका की जांच के लिए FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है। अदालत ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा पेश की गई सामग्री के आधार पर यह पता चलता है कि कपिल मिश्रा की मौजूदगी दंगे के वक्त करदम पुरी इलाके में थी और एक संज्ञेय अपराध पाया गया है, जिसकी जांच की जरूरत है।

मोहम्मद इलियास ने दायर की थी याचिका

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने कहा कि इस मामले में जांच की आवश्यकता है। जज ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि मिश्रा कथित अपराध के समय इलाके में थे। इसमें आगे की जांच की आवश्यकता है।’ मजिस्ट्रेट यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास द्वारा दायर एक याचिका पर दलीलें सुन रहे थे, जिसमें एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। इस याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया और दावा किया कि दंगों में मिश्रा की कोई भूमिका नहीं थी।मोहम्मद इलियास ने कपिल मिश्रा के अलावा दयालपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी और 5 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। इन 5 लोगों में बीजेपी के विधायक मोहन सिंह बिष्ट और पूर्व विधायक जगदीश प्रधान भी शामिल हैं।

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आप नेता प्रियंका कक्कड़ ने साधा निशाना

मंत्री कपिल मिश्रा पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश के बाद आप नेता प्रियंका कक्कड़ ने उनपर निशाना साधा। प्रियंका कक्कड़ ने कहा, ‘सभी ने देखा है कि कपिल मिश्रा ने दिल्ली में कैसे दंगे भड़काए। भाजपा द्वारा उन्हें बचाने के अनगिनत प्रयासों के बाद भी, अदालत ने पाया कि कपिल मिश्रा दंगों के दौरान मौजूद थे और उन पर आगे की जांच की जानी चाहिए। क्या वह कैबिनेट मंत्री बनने के लायक हैं? पुलिस को उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहिए क्योंकि दिल्ली दंगे के सभी अन्य आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।’

दिल्ली हाई कोर्ट से मिश्रा को लग चुका है झटका

इससे पहले मार्च में दिल्ली हाई कोर्ट ने कपिल मिश्रा के खिलाफ 2020 में कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान देने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में अधीनस्थ अदालत की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जस्टिस रविंद्र डुडेजा ने सत्र अदालत के उस आदेश को चुनौती देने वाली भाजपा नेता की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी किया था। जज ने कहा था कि अधीनस्थ अदालत की सुनवाई पर रोक लगाने की कोई जरूरत नहीं है। अधीनस्थ अदालत मामले में आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र है। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख निर्धारित की है, जबकि 20 मई को अधीनस्थ अदालत के समक्ष मामला लिस्टेड है।

बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में दंगे हुए थे। 24 फरवरी 2020 को हुए दंगे में 53 लोग मारे गए थे और सैकड़ो लोग घायल हुए थे। इस मामले में ताहिर हुसैन भी आरोपी हैं और जेल में बंद हैं।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: Apr 01, 2025 04:35 PM

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