PM Modi Global Meet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा कि ‘आतंकवाद के लिए कोई धन नहीं: आतंकवाद के वित्तपोषण से मुकाबले के लिए मंत्रियों का सम्मेलन’ का आयोजन किया जाएगा।
बता दें कि अप्रैल 2018 में पेरिस में और नवंबर 2019 में मेलबर्न में ये सम्मेलन पहले आयोजित किया जा चुका है। सम्मेलन का तीसरा संस्करण दिल्ली में 18 और 19 नवंबर को आयोजित किया जा रहा है।
पीएमओ ने कहा, “इसमें दुनिया भर के लगभग 450 प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें मंत्री, बहुपक्षीय संगठनों के प्रमुख और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख शामिल हैं।”
चार सत्रों में किया जाएगा विचार विमर्श
सम्मेलन के दौरान चार सत्रों में विचार-विमर्श किया जाएगा, जो ‘आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण में वैश्विक रुझान’, ‘आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों का उपयोग’, ‘उभरती प्रौद्योगिकियों और आतंकवादी वित्तपोषण’ और ‘अंतर्राष्ट्रीय सहयोग’ पर केंद्रित होगा।
पीएम मोदी सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम का समापन करेंगे। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के दृढ़ संकल्प और इसके खिलाफ सफलता हासिल करने के लिए इसकी समर्थन प्रणाली को व्यक्त करेंगे। गुरुवार को, भारत ने कहा कि सम्मेलन को लेकर चीन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है, साथ ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान भी इस आयोजन में भाग नहीं ले रहे हैं।
78 देशों के प्रतिनिधि सम्मेलन में होंगे शामिल
दिल्ली में 18 नवंबर और 19 नवंबर को आयोजित होने वाले दो दिवसीय सम्मेलन में कुल 78 देशों और 20 देशों के मंत्रियों सहित बहुपक्षीय संगठनों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा, “18 नवंबर से शुरू हो रहे ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन के तीसरे संस्करण में कुल 78 देश और बहुपक्षीय संगठन भाग ले रहे हैं।”
सम्मेलन में पाकिस्तान और अफगानिस्तान की उपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर एनआईए महानिदेशक ने कहा, “पाकिस्तान और अफगानिस्तान इस सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे हैं।”
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क्या है सम्मेलन का उद्देश्य
इससे पहले पेरिस और मेलबर्न में सम्मेलन का पहला और दूसरा संस्करण आयोजित किया जा चुका है। सम्मेलन का मकसद पिछले दो सम्मेलनों में आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के विषय पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच हुई चर्चा को आगे ले जाना है।
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