Delhi News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली सरकार को निर्देश जारी कर 24 नालों की सफाई का काम 31 मई तक पूरा करने को कहा है। 21 फरवरी को दिए गए आदेशों में एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (आईएंडएफसीडी) ने नालों की सफाई को लेकर अपनी रिपोर्ट 20 फरवरी को पेश की थी। इस रिपोर्ट में काम पूरा होने की समय सीमा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई थी। रिपोर्ट में जिक्र किया गया है सभी नालों की सफाई का काम पूरा 31 मई तक कर लिया जाएगा।
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विजय घाट के मोट नाले में 14 फरवरी तक सफाई का अधिकांश काम पूरा हो चुका है। वहीं, सिविल मिलिट्री नाला, महारानी बाग नाला, अबुल फजल नाला, कुशक नाला, तुगलकाबाद नाला और सुनहरी पुल नाले में सफाई का काम पूरा हो चुका है। सोनिया विहार नाला, शास्त्री पार्क नाला, सेन नर्सिंग होम नाला, कैलाश नगर नाला और बारापुला नाले में भी गाद निकालने का काम पूरा हो चुका है।
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पीठ ने कहा कि यदि आईएंडएफसीडी द्वारा समय सीमा के भीतर गाद निकालने का काम पूरा नहीं किया जाता है, तो मानसून में कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। यहां के निवासियों को इन नालों में बाढ़ या ओवरफ्लो की समस्या का पहले भी सामना करना पड़ा है। पिछले मानसून में भी जलभराव की स्थिति बनी थी। पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल रहे। एनजीटी ने कहा कि लोगों को दिक्कतों से बचाने के लिए हर हाल में 31 मई तक 24 नालों से गाद निकालने का काम पूरा करना जरूरी है।
27 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
पीठ ने कहा कि उनके सामने अतिरिक्त मुख्य सचिव (आईएंडएफसीडी) 25 फरवरी तक एक हलफनामा प्रस्तुत कर बताएं कि गाद निकालने का काम निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। न्यायालय ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को अगली सुनवाई पर वर्चुअल तौर पर उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। पीठ ने कहा कि वे सुनिश्चित करें कि तय समय सीमा के अंदर सफाई हो जाएगी और मानसून के दौरान बाढ़ के हालात नहीं बनेंगे। मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को निर्धारित की गई है।