---विज्ञापन---

ISRO Spy Case: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी अधिकारियों की अग्रिम जमानत रद्द की, जानें क्या है पूरा मामला

ISRO Spy Case: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को साइंटिस्ट नंबी नारायणन से जुड़े इसरो के खिलाफ साजिश और सबूतों को गलत साबित करने के मामले में चार आरोपियों की अग्रिम जमानत को रद्द कर दिया। शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिकाओं पर फिर से सुनवाई करने को कहा है। अदालत ने पांच […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Dec 2, 2022 11:56
Share :
supreme court
supreme court

ISRO Spy Case: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को साइंटिस्ट नंबी नारायणन से जुड़े इसरो के खिलाफ साजिश और सबूतों को गलत साबित करने के मामले में चार आरोपियों की अग्रिम जमानत को रद्द कर दिया। शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिकाओं पर फिर से सुनवाई करने को कहा है।

अदालत ने पांच सप्ताह की अवधि के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है ताकि अधिकारी को जमानत के लिए उच्च न्यायालय जाने की अनुमति मिल सके। मामले के आरोपियों में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज, गुजरात के पूर्व एडीजीपी आरबी श्रीकुमार और तीन अन्य शामिल हैं। 1994 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाने के लिए मैथ्यूज को अभियुक्तों में से एक के रूप में नामित किया गया था।

---विज्ञापन---

याचिकाकर्ताओं में से एक के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत से आग्रह किया था कि यदि मामले को उच्च न्यायालय में वापस भेजा जाता है तो उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की जाए। नवंबर में सीबीआई ने केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिबी मैथ्यूज को कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा दी गई अग्रिम जमानत को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

नंबी नारायणन मामला क्या है?

इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को 1994 में एक जासूसी मामले में झूठा फंसाया गया था और उन पर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर गोपनीय दस्तावेजों को विदेशों में स्थानांतरित करने का आरोप लगाया गया था।

नारायणन के अलावा, अधिकारियों ने पांच अन्य लोगों पर भी जासूसी करने और रॉकेट प्रौद्योगिकी को विदेशों में स्थानांतरित करने का आरोप लगाया था। इनमें इसरो के एक अन्य वैज्ञानिक और मालदीव की दो महिलाएं शामिल हैं।

सीबीआई के इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले कि नारायणन पर लगे आरोप झूठे थे, नारायणन को करीब दो महीने जेल में बिताने पड़े। इस मामले की जांच पहले राज्य पुलिस ने की थी और बाद में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया, जिसने आरोपों को झूठा पाया।

HISTORY

Edited By

Om Pratap

First published on: Dec 02, 2022 11:56 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें