Arvind Kejriwal Exclusive Interview: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की बिसात बिछने लगी है। जनवरी-फरवरी 2025 में राजधानी में विधानसभा चुनाव होंगे, जिसके लिए आम आदमी पार्टी ने कमर कस ली है। पार्टी का टारगेट हैट्रिक लगाने का है। खुद अरविंद केजरीवाल चुनावी रण में उतरे हुए हैं। पार्टी इस बार बिना किसी गठबंधन के सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी चुनाव उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता को गारंटियां भी दे रहे हैं। ऐसे में दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने क्या तैयारी की है? क्या रणनीति बनाकर अरविंद केजरीवाल चुनावी रण में उतरे हैं? यह जानने के लिए सुनिए अरविंद केजरीवाल से News24 के संवाददाता मानक गुप्ता की एक्सक्लूसिव बातचीत…
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे पूर्व CM सुनने की आदत पड़ गई है। IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग की। जमशेदपुर में टाटा में नौकरी की। आईआरएस की नौकरी की। 10 साल एक्टिविजम किया। राइट टू इंफॉर्मेशन का कैंपेन किया। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के साथ आंदोलन किया। आम आदमी पार्टी बनाई और दिल्ली का मुख्यमंत्री बना। भगवान से जिस रोल में रखा, उस रोल में खुश हूं मैं।
1. क्या आप अपने राजनीतिक करियर को देखकर इमोशनल हो जाते हैं?
नहीं, आदमी अपनी बीती जिंदगी को याद तो करता ही है कि आपको भगवान ने किस-किस रोल में रखा? ऊपर वाला जो भी जिंदगी में जिम्मेदारी देता है, वह जम्मेदारी निस्वार्थ भावना से निभानी चाहिए।
2. 10 साल की राजनीति से संतुष्ट हैं? कैसे देखते हैं?
हां, संतुष्ट हूं। निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करने की कोशिश की। कुछ ऐसे काम किए हैं, जो 75 साल में कभी नहीं हुए। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के क्षेत्र में जबरदस्त काम किया। आज दिल्ली के स्कूलों के बच्चों का टैलेंट देखता हूं तो लगता है कि भगवान ने धरती पर जो करने के लिए मुझे भेजा था, वह सक्सेसफुल हो गया। जब मरुंगा तो यह संतुष्टि रहेगी कि कुछ किया है।
3. क्या कोई पछतावा है कि जो करना था, वह नहीं कर पाए?
नहीं, जितना कर सकता था, उतना किया। कई अड़चनें आईं, पॉलिटिकल अड़चनें ज्यादा आईं। यह देश की सबसे बड़ी कमी है कि सभी पार्टियां मिलकर काम नहीं कर सकती। चुनाव के दौरान दलों के बीच डिफरेंस रहे। आपस में एक दूसरे के खिलाफ लड़े। चुनाव के बाद सभी को मान लेना चाहिए कि अब इस राज्य में इसकी सरकार है, इस पार्टी को लोगों ने वोट दिया है। सभी को मिलकर काम करना चाहिए। एक दूसरे के काम में रुकावटें नहीं आनी चाहिएं और न ही पैदा करनी चाहिए।
अगर यह हो जाए तो देश तेजी से तरक्की करेगा। क्योंकि देश में कोई समस्या ऐसी नहीं, जिसका समाधान न हो सके। 2020 के चुनाव में 3 वादे किए थे। 3 ड्रीम प्रोजेक्ट थे- यमुना साफ करुंगा, अधूरा रह गया। दिल्ली की सड़कें यूरोपियन स्टाइल में बनवाऊंगा। दिल्ली के लोगों को साफ पीने का पानी सीधे नलों से मिलेगा, RO की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह तीनों काम अटक गए। बड़े काम हैं, एकदम से होने वाले काम नहीं। पहले कोरोना, फिर जेल की यात्राएं। अब फ्री हो गया। उम्मीद है कि अगले 5 साल आराम से काम कर पाऊंगा।
4. जेल यात्रा का चुनाव में फायदा मिल सकता है?
लोग देख रहे हैं कि इससे कोई फायदा तो नहीं हो रहा देश को। काम कर रहे मुख्यमंत्री को झूठे आरोप लगाकर जेल में डाल दें। लोग इस तरह की नहीं, काम की राजनीति पसंद करते हैं। क्या किया है और क्या करना है, क्या करुंगा? इस पर चर्चा करुंगा और इस पर ही चुनाव लड़ूंगा। उन लोगों से पूछ लो तो कहेंगे कि केजरीवाल ये, केजरीवाल वो। मुझे केवल गालियां देने के सिवा उनके पास कुछ नहीं। केजरीवाल को गालियां दीं, जेल भेजा, यह कहकर वोट मांग रहे हैं। जब जेल में था, तब भी भाजपा-मोदी जी काम गिना रहे थे। देश का विकास ऐसे नहीं हो सकता, विजन चाहिए, प्लानिंग चाहिए, एक्सपर्ट चाहिए।
5. दिल्ली में इस बार कितनी सीटें मिलने की उम्मीद है?
कोई दावा नहीं कर रहा। हर चुनाव कठिन होता है, अलग चुनाव होता है। उम्मीद है कि जनता मेरे कामों की वजह से मुझे वोट देगी, दोबारा मौका देगी। जितनी सीटें, जितना आशीर्वाद देगी, सिर माथे रखूंगा। 2-4 सीटें ऊपर नीचे हो सकती हैं, लेकिन मौका जरूर मिलेगा।
6. दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
जब मैं जेल से वापस आया तो इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने तो जमानत दे दी, लेकिन मेरे लिए जनता जरूरी है। अगर जनता मानती है कि केजरीवाल चोर है तो मैं कभी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। अगर जनता कहेगी कि केजरीवाल ईमानदार है तो वोट देना, चुनाव जिताना, तब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा।
7. एंटी इनकमबेंसी से बचने के लिए आतिशी को आगे किया, आप पीछे हो गए?
नहीं, एंटी इनकमबेंसी नहीं है। लोग हमारे काम से खुश हैं। छोटी-छोटी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं, उन्हें ठीक करा देते हैं। 6 महीने जेल गया तो कुछ काम बिखर गए थे तो लोग नाराज थे। लौटकर आया तो सभी शिकायतें दूर कर दीं।
8. भाजपा ने आपके खिलाफ बड़ा चेहरा उतारा तो क्या होगा? स्मृति ईरानी का नाम चल रहा है
लोग लोकल चेहरा मांगते हैं। मैं लोकल हूं, अपनी विधानसभा में रहता हूं। वहां के लोगों से मेरे पर्सनल रिश्ते हैं। उनके शादी समारोह में जाता हूं। हर रोज किसी न किसी के यहां जाना होता था। अब उनके बीच में किसी बाहर वाले को लाकर खड़ा करोगे तो वह इग्नोर होगा ही।
यह पूछे जाने पर कि आप भी तो बाहर से आए हैं, अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाहर से आया था, हरियाणा से आया था, कभी आया था। अब 30 साल से दिल्ली अपनी है। दिल्ली वालों ने अपना बना लिया है। इसलिए अब सामने चुनावी रण में कोई आ जाए, सबका स्वागत है।
9. संदीप दीक्षित से कैसे रिश्ते हैं, कैसी लड़ाई देखते हैं?
चुनाव अपनी जगह है, शीला दीक्षित जी की इज्जत करता हूं। अगर संदीप दीक्षित दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 लड़ते हैं तो उनका स्वागत है।