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दिल्ली

दिल्ली के डिप्टी सीएम सिसोदिया बोले- मुझे फर्जी तरीके से फंसाने के लिए सीबीआई ने किया कंप्यूटर जब्त 

नई दिल्ली: आबकारी मामले में शनिवार को सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी पर आज डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बयान जारी कर उसकी कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी तरीके से फंसाने के लिए सीबीआई ने कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार कर मेरे कार्यालय से कंप्यूटर जब्त किया। इस मामले में सीबीआई-ईडी […]

Author Published By : Amit Kasana Updated: Jan 15, 2023 21:40
Union Budget 2023, Manish Sisodia, Arvind Kejriwal, Delhi News
Manish Sisodia

नई दिल्ली: आबकारी मामले में शनिवार को सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी पर आज डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बयान जारी कर उसकी कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी तरीके से फंसाने के लिए सीबीआई ने कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार कर मेरे कार्यालय से कंप्यूटर जब्त किया। इस मामले में सीबीआई-ईडी की जांच अगस्त 2022 से चल रही है, लेकिन मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है और सीबीआई की चार्जशीट में मेरा नाम आरोपी के रूप में नहीं है।

 

डिजिटल डिवाइस की प्रामाणिकता अहम

सिसोदिया ने कहा, सीबीआई से मिले सीजर मेमो के अनुसार जब्त दस्तावेज का कोई हैश वैल्यू नहीं किया गया और ना ही सीबीआई ने दस्तावेज का फोटो लिया। उन्होंने कहा कि जब्त डिजिटल डिवाइस की प्रामाणिकता केस को स्थापित करने के लिए अहम है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि जब्ती के समय जांच अधिकारी की तरफ से डेटा रिकॉर्ड का हैश वैल्यू लिया जाना चाहिए। मुझे आशंका है कि सीबीआई ने गोपनीय फाइलों व दस्तावेजों को नष्ट करने के लिए सीपीयू को जब्त किया है और उसमें एडिट कर मुझे फर्जी तरीके से फंसाने के लिए इसका इस्तेमाल करेगी।

बंद कार्यालय फोन कर खुलवाया 

आगे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कल, महीने का दूसरा शनिवार था। इसलिए मेरा कार्यालय बंद था। सीबीआई के किसी अधिकारी ने टेलीफोन पर मेरे पर्सनल सेक्रेटरी (पीएस) को कार्यालय आकर उसे खोलने के लिए कहा। दोपहर करीब 3:00 बजे जब मेरे पर्सनल सेक्रेटरी ऑफिस पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मेरे ऑफिस में सीबीआई के अधिकारियों की एक टीम पहले से ही मौजूद थी। सीबीआई के अधिकारियों ने पर्सनल सेक्रेटरी को कार्यालय खोलने और कॉन्फ्रेंस रूम में ले जाने को कहा। जैसे ही वे कॉन्फ्रेंस रूम में पहुंचे, उन्होंने वहां एक कंप्यूटर लगा देखा। उन्होंने मेरे सेक्रेटरी को कंप्यूटर चालू करने के लिए कहा, उसका आकलन किया और सीआरपीसी की धारा 91 के तहत एक नोटिस सचिव को सौंप दिया। यह नोटिस उपमुख्यमंत्री (जीएनसीटीडी) के नाम आरसी0032022ए0053 की जांच के संदर्भ में था।

हाथ से लिखकर दिया नोटिस 

उन्होंने कहा कि नोटिस के अनुसार, सचिव से अनुरोध किया गया था कि वह मेरे में कॉन्फ्रेंस रूम में लगे कंप्यूटर सिस्टम का सीपीयू दें। इसके बाद, निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना ही मेरे कार्यालय के कॉन्फ्रेंस रूम से सीपीयू को जब्त कर लिया गया। उक्त नोटिस को देखकर यह पता चल रहा है कि सचिव को नोटिस हाथ से लिखा कर दिया गया और तुरंत ही संपत्ति (सीपीयू) को जब्त कर लिया गया, जो अधिकारियों की के दुर्भावना को दर्शाता है। सीबीआई अधिकारियों की यह कार्य उनके द्वेष को दर्शाता है कि कैसे नोटिस दिया गया और तुरंत उक्त संपत्ति को जब्त कर लिया गया और वो भी साइबर अपराध अध्याय एक्सवीआई, सीबीआई (अपराध) मैनुअल 2020 में निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन किए बगैर किया।

First published on: Jan 15, 2023 08:16 PM

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