Delhi’s days of good air are about to end: पंजाब में पराली जलाना शुरू हो गया है। इसी के साथ अब दिल्ली की स्वच्छ हवा प्रदूषित होना शरू हो जाएगी। इसी को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पराली जलाने पर रोक लगाने की दिशा में धीमें प्रयासों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। साथ ही उन्होंने कहा कि अब अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने का वक्त आ गया है।
छह साल में दूसरी बार साफ हुई दिल्ली की हवा
आपको बता दें कि केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शनिवार को जानकारी दी कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार आया है। इसी के साथ दिल्ली-एनसीआर में इस साल 1 जनवरी से 30 सितंबर तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (सीएक्यूआई) 167 दर्ज किया गया, जो पिछले छह साल में इसी अवधि के लिए दूसरा सबसे क्लीन है। लेकिन अब दोबारा दिल्ली में प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।
आने वाले 20 दिनों में हीट और प्रदूषण की होगी दस्तक
पंजाब में पराली जलाने के कारण दिल्ली की क्लीन एयर दोबारा खराब होने वाली है, क्योंकि विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की है कि राष्ट्रीय राजधानी अगले 20 दिनों में गर्मी और प्रदूषित हवा की गवाह बनेगी। न्यूज 24 से बात करते हुए वरिष्ठ एनवायरमेंटलिस्ट भुवम भास्कर ने कहा, ‘अगर पंजाब में पराली जलाना तुरंत नहीं रुका तो अगले 20 दिनों में राजधानी दिल्ली की हवा फिर से प्रदूषित हो जाएगी। इतना ही नहीं, तेज हवा चलने की स्थिति में पराली से होने वाल प्रदूषित धुआं जल्दी दिल्ली पहुंच सकता है।’
दिल्ली की अच्छी हवा के दिन होने जा रहे समाप्त
रिपोर्टों और साक्ष्यों के आधार पर पंजाब में गुरुवार को पराली जलाने की हालिया घटनाएं बताती हैं कि आने वाले हफ्तों में दिल्ली की “स्वच्छ हवा” के दिन खत्म हो सकते हैं। दिल्ली कई वर्षों से सर्दियों के महीनों के दौरान पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण वायु प्रदूषण का अनुभव कर रही है। दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए उपायों की प्रभावशीलता के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर पराली जलाना जारी रहा तो शहर में वाटर गन तैनात करने और ‘ऑड-ईवन योजना’ लागू करने के साथ-साथ निर्माण गतिविधियों को रोकने से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद नहीं मिलेगी।