Delhi Serial Killer: दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को नाबालिगों के अपहरण, यौन उत्पीड़न और हत्या के दोषी रविंदर कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषी रविंदर कुमार 2008 से 2015 के बीच 30 से अधिक बच्चों के अपहरण और हत्या में कथित रूप से शामिल था।
आरोपी ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 2008 और 2015 के बीच किए गए अपराध करने का दोषी होना कबूल किया। छह साल तक जघन्य अपराध करने और आठ साल तक चले मुकदमे के बाद 10 मई को दिल्ली की एक अदालत ने उसे दोषी करार दिया था।
2008 से 2015 के बीच रवींद कुमार ने 30 बच्चियों के साथ किया था दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद
◆ दोषी बच्चियों का अपहरण करता था, फिर उन्हें मौत के घाट उतार देता था
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— News24 (@news24tvchannel) May 25, 2023
2008 में 18 साल की उम्र में पहली वारदात को दिया अंजाम
रविंदर दिल्ली में मजदूरी करता था। वह ड्रग्स के नशे में चूर हो जाता था, अश्लील फिल्में देखता था और यौन उत्पीड़न के लिए बच्चों की तलाश में जाता था और फिर उन्हें मार डालता था। 2008 में 18 साल की उम्र में उसने पहले वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद अगले सात साल यानी 2015 तक उसने 30 से अधिक बच्चों को मार डाला।
पूरा मामला क्या है?
2008 में रविंदर नौकरी की तलाश में उत्तर प्रदेश के कासगंज से दिल्ली आया। उसके पिता प्लंबर का काम करते थे, जबकि उसकी मां घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी। दिल्ली आने के कुछ दिनों बाद रविंदर को ड्रग्स की लत लग गई। इसके बाद एक दिन उसके हाथ एक अश्लील वीडियो कैसेट लग गई। इसके बाद वह अश्लील फिल्मों को देखने और ड्रग्स का आदि हो गया।
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पुलिस के मुताबिक, रविंदर दिनभर मजदूरी करता और शाम को नशा करता था। वारदात को अंजाम देने जाने से पहले वह रात 8 बजे से अपनी झुग्गी में सो जाता था, ताकि किसी को शक न हो।
वारदात को अंजाम देने के लिए 40KM तक पैदल चला जाता था
रविंदर कभी-कभी अपने शिकार की तलाश में निर्माण स्थलों और झुग्गियों से करीब 40 किलोमीटर तक पैदल चला जाता था। वह बच्चों को 10 रुपये के नोट और चॉकलेट का लालच देकर सूनसान जगह पर ले जाता था। पुलिस के मुताबिक, सबसे कम उम्र की पीड़िता छह साल की थी और सबसे बड़ी उम्र 12 साल की थी।
पुलिस के मुताबिक, दोषी ने सबसे पहले 2008 में दिल्ली के कराला इलाके से एक लड़की का अपहरण कर उसका दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी। जैसे-जैसे वह पुलिस को चकमा देता रहा और इस दौरान उसका हौसला बढ़ता गया। उसने अपने अधिकांश शिकार को इस डर से मार डाला कि वे उसकी पहचान कर सकते हैं। पकड़े जाने के डर से वह एक ही जगह वारदात को अंजाम नहीं देता था।
2015 में बाहरी दिल्ली जिले के डीसीपी रहे विक्रमजीत सिंह ने कहा कि जब रविंदर पकड़े जाने के बाद अपने अपराधों की जानकारी दे रहा था, तो उसने अपने प्रत्येक अपराध के बारे में विस्तार से बताया। वह पुलिस को कम से कम 15 स्थानों पर ले गया जहां उसने अपराध किया था।
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