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हर साल बारिश होते ही क्यों लबालब हो जाती है देश की राजधानी? ये हैं कारण

Delhi Flooding : हर साल बारिश होते ही देश की राजधानी लबालब हो जाती है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस बार भी पहली ही बरसात ने दिल्ली की पोल खोलकर रख दी। आइए जानते हैं कि इसके पीछे के क्या कारण हैं?

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Jun 29, 2024 21:16
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Delhi Rain Waterlogging
Delhi Rain Waterlogging

Delhi Rain Waterlogging : इस महीने की शुरुआत में भीषण गर्मी से झुलसी दिल्ली अब पानी में डूब रही है। पिछले 24 घंटे में हुई बारिश ने राजधानी में जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया। जलभराव से अंडरपास अवरुद्ध हो गए और सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल 1 के एक हिस्से की छत भी ढह गई, जिससे हवाई उड़नों पर ब्रेक लग गया। एक मेट्रो स्टेशन भी बंद हो गया। आइए जानते हैं कि हर साल पूरी दिल्ली पानी-पानी क्यों हो जाती है?

दिल्ली में अनियोजित तरीके से बने मकान 

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हर बड़े शहरों में निचले इलाकों से बारिश के पानी को नजदीकी झीलों और नदियों तक ले जाने के लिए नालियां बनाई जाती हैं, लेकिन दिल्ली के एक बड़े हिस्से में अनियोजित तरीके से घर और मकान बने हुए हैं। बारिश के पानी को निकालने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है, जिससे सड़कों पर जलभराव हो जाता है। इसे लेकर एलजी वीके सक्सेना का कहना है कि शहर का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा अनियोजित है, जिससे पानी को जमीन में जाने के लिए बहुत कम या बिल्कुल भी जगह नहीं मिलती है।

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प्लास्टिक प्रदूषण भी जलभराव का कारण

इसे लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव का कहना है कि बारिश के बाद दिल्ली में जलभराव का कारण प्लास्टिक प्रदूषण है। पूरे साल सीवर के अंदर प्लास्टिक के रैपर, बोतलें और कचरे जमा रहते हैं। नालियां कचरे से भर जाती हैं, जिससे बारिश का पानी नहीं निकल पाता है। ऐसे में सड़कों पर बारिश का पानी जमा हो जाता है, जिससे ट्रैफिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं।

अधिकारियों की लापरवाही से भी भरता है पानी

दिल्ली के अधिकारियों ने पूरे शहर में जलभराव वाले 100 स्थानों की पहचान की है, लेकिन आमतौर पर इन क्षेत्रों में पानी निकालने की तैयारी बहुत देर से होती है। अक्सर पहली बारिश के बाद दिल्ली को काफी नुकसान पहुंचता है। राजधानी में 11 अलग-अलग विभागों द्वारा नालियों और सड़कों का रखरखाव किया जाता है। वहीं, पिछले कुछ समय से ड्रेनेज मास्टर प्लान भी अटका पड़ा है।

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विभागों के बीच समन्वय नहीं

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभागों के बीच कोई समन्वय नहीं है। जैसे बारापुला नाला किस विभाग के अंतर्गत आता है, इस पर अब भी असमंजस की स्थिति है। पीडब्ल्यूडी की ओर से बारिश के पानी की निकासी वाली नालियों का प्रबंधन किया जाता है, लेकिन अक्सर इसमें घरों के सीवर का पानी भी छोड़ दिया जाता है। इसकी वजह से नाला ओवरफ्लो हो जाता है और पानी सड़क पर आ जाता है।

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Written By

Deepak Pandey

First published on: Jun 29, 2024 09:09 PM

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