---विज्ञापन---

दिल्ली में तेजी से चल रही यमुना की साफ-सफाई, 564 मिलियन लीटर सीवेज को किया जा सकेगा शोधित

Cleaning Of Yamuna River: 564 एमएलडी क्षमता वाला ये प्लांट यमुना को साफ करने में कारगर साबित होगा। इस प्लांट के शुरू होने के बाद प्रतिदिन करोड़ों लीटर सीवर को सीधे यमुना में छोड़ने के बजाय उसे अब शोधित करके छोड़ा जाएगा।

Edited By : Swati Pandey | Updated: Nov 30, 2023 19:43
Share :

Cleaning Of Yamuna River: यमुना को साफ करने की दिशा में केजरीवाल सरकार तेजी से काम कर रही है। इस दिशा में केजरीवाल सरकार ओखला में एशिया का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार करवा रही है, जहां प्रतिदिन 564 मिलियन लीटर सीवेज को शोधित किया जा सकेगा। परियोजना अपने अंतिम चरण में चल रही है, इसका निरीक्षण करने के लिए जल मंत्री आतिशी ने गुरुवार को इस प्लांट का दौरा किया। प्रोजेक्ट में देरी को लेकर जलमंत्री आतिशी ने अधिकारियों को फटकार लगाई और निर्देश दिये कि इस साल के अंत तक प्लांट को शुरू कर दिया जाए।

प्लांट यमुना को साफ करने के अभियान में गेम चेंजर होगा साबित

इस मौके पर जल मंत्री आतिशी ने कहा कि, 564 एमएलडी क्षमता वाला ये प्लांट यमुना को साफ करने की दिशा में गेम चेंजर साबित होने वाला है। उन्होंने कहा कि इस प्लांट के शुरू होने के बाद प्रतिदिन करोड़ों लीटर सीवर को सीधे यमुना में छोड़ने के बजाय उसे अब शोधित करके छोड़ा जाएगा। इस प्लांट के चालू होने के बाद गंदे पानी के बायोलॉजिकल ऑक्सीडेशन डिमांड (बीओडी) स्तर को शोधित कर 10 तक लाया जा सकेगा। प्लांट से उपचारित पानी न केवल यमुना को साफ करने में मदद करेगा, बल्कि बागवानी सहित अन्य चीजों के लिए भी उपयोगी बनेगा।

 जलमंत्री आतिशी ने अधिकारियों से कहा हर सोमवार सौंपी जाए प्रोग्रेस रिपोर्ट

प्लांट दौरे के दौरान जलमंत्री अतिशी ने पाया कि प्रोजेक्ट तय डेडलाइन से पीछे चल रहा है, इस पर अधिकारियों को निर्देश देते हुए जल मंत्री ने कहा कि, नए टाइमलाइन के साथ साल के अंत तक बचा हुआ काम पूरा किया जाए, और हर सोमवार को उन्हें इसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपी जाए। उन्होंने कहा कि यमुना को साफ करने की दिशा में ये प्लांट बेहद महत्वपूर्ण है, ऐसे में इसके निर्माण में अब एक दिन की भी देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यमुना को साफ करना हमारी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री जी ने कहा है यमुना साफ होकर रहेगी, और इस दिशा में युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है।

यह भी पढ़े: अचानक बिगड़ी बिहार CM नीतीश कुमार की तबियत, सभी प्रोग्राम कैंसिल, जानें क्या कहते डॉक्टर

 शोधित पानी को साफ करने के बाद यमुना में छोड़ा जाएगा

अधिकारियों ने जल मंत्री को प्लांट की जानकारी देते हुए कहा कि, इस प्लांट में सेंट्रल दिल्ली , साउथ दिल्ली के अधिकांश हिस्सों का सीवेज आएगा। यहां यूवी सहित अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए, सीवेज़ के पानी को शोधित किया जाएगा और बायोलॉजिकल ऑक्सीडेशन डिमांड (बीओडी) स्तर को शोधित कर 10 तक लाया जाएगा। उसके बाद ही साफ पानी को यमुना में छोड़ा जाएगा।

यह भी पढ़े: महाराजा रणजीत सिंह AFPI के सात कैडेट NDA से पासआउट, इंस्टीट्यूट की पास प्रतिशतता देश में सबसे अधिक 

परियोजना से जरिए 40 लाख लोगों को मिलेगा लाभ

इस प्लांट के जरिए 40 लाख लोगों को लाभ मिलेगा क्योंकि ये दिल्ली की एक बहुत बड़ी आबादी क्षेत्र के सीवेज को ट्रीट करने का काम करेगा। ये प्लांट एशिया का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है, जो अकेले दिल्ली के 15 से 20% सीवेज को शोधित करेगा। शोधित होने के पश्चात पानी का बीओडी इस स्तर पर पहुंचेगा जिसका इस्तेमाल बागवानी सहित विभिन्न कार्यों में किया जा सकेगा।

सीवेज के गाद से बायो-गैस तैयार कर प्लांट उत्पादित करेगा 4.8 मेगावाट बिजली

बता दें कि ये प्लांट ग्रीन एनर्जी के जरिए ऊर्जा की अपनी आधी जरूरतों को ख़द से पूरा कर सकेगा। प्लांट में सीवेज के गाद से निकलने वाले बायो-गैस के जरिए 4.8 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। साथ ही गाद से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को भी चलाया जा सकेगा और इसका इस्तेमाल खाद की तरह भी हो सकेगा।

First published on: Nov 30, 2023 07:42 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें