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दिल्ली जल बोर्ड उपाध्यक्ष का बड़ा बयान, कहा- हरियाणा के माफियाओं ने पुल बनाकर दिल्ली की ओर आने वाला पानी रोका

नई दिल्ली: दिल्ली में गहराते जा रहे जल संकट को लेकर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को वजीराबाद बैराज का दौरा किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली में जल संकट गर्मी की वजह से नहीं, बल्कि हरियाणा से दिल्ली में आने वाली यमुना में खनन माफियाओं के कब्जे के की वजह से […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Mar 7, 2023 17:48
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Delhi News, saurabh Bhardwaj
सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली: दिल्ली में गहराते जा रहे जल संकट को लेकर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को वजीराबाद बैराज का दौरा किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली में जल संकट गर्मी की वजह से नहीं, बल्कि हरियाणा से दिल्ली में आने वाली यमुना में खनन माफियाओं के कब्जे के की वजह से है। अवैध रेत माफिया ने हरियाणा के मेमारपुर और सोनीपत में यमुना पर पुल बनाकर दिल्ली आने वाले पानी को रोक दिया है।

दिल्ली प्यासी रह जाएगी

आगे उपाध्यक्ष ने कहा कि खनन माफिया दिन-दहाड़े रेत की स्मगलिंग कर रहे हैं, लेकिन हरियाणा सरकार उन पर कार्रवाई नहीं कर रही है। अगर हरियाणा सरकार ने इन खनन माफियाओं पर अंकुश नहीं लगाया तो दिल्ली प्यासी रह जाएगी। उन्होंने कहा कि वजीराबाद बैराज में पहली बार फरवरी माह में ही यमुना का जलस्तर सामान्य 674.5 फुट से घटकर 671.7 फुट पर पहुंच गया है। पहले हम यमुना से रोजाना 83 एमजीडी पानी निकाल पाते थे, लेकिन आज 4-5 एमजीडी पानी ही निकाल पा रहे हैं। यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा 3.5 पीपीएम से अधिक है, जो इस्तेमाल के लायक नहीं हैं। इस समय यमुना की गहराई 3.5 फीट होनी चाहिए, लेकिन आज एक फीट भी गहरी नहीं है। वहीं, पानीपत का औद्योगिक अपशिष्ट जल दिल्ली में छोड़ा जा रहा है।

दो तिहाई पानी बहकर और भांप बनकर बर्बाद हो जाता है

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि हथिनी कुंड बैराज से पहले यमुना का हिस्सा हरियाणा सरकार के अधीन आता है। हथिनी कुंड बैराज पर यह तय होता है कि कितना पानी दिल्ली तक आएगा। इसके बाद ताजेवाला बैराज पर यह कंट्रोल किया जाता है कि कितना पानी दिल्लीवालों के लिए छोड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से कई बार यह आदेश आते हैं कि ताजेवाला बैराज से इतना पानी छोड़ा जाना चाहिए कि दिल्ली के अंतिम छोर पर पहुंचने तक यमुना का पानी एक तिहाई रहे। क्योंकि दो तिहाई पानी बहकर और भांप बनकर बर्बाद हो जाता है। आज स्थिति यह है कि ताजेवाला बैराज से लेकर उत्तर प्रदेश बॉर्डर शुरू होने तक रेत माफिया खनन कर रहे हैं। रेत माफियाओं ने यमुना नदी के बहाव को रोककर छोटे-छोटे ब्रिज बनाए हैं। ताकी पानी न होने से वे यमुना के तल से एक बार में पूरी रेत निकाल सकें। यमुना नदी के एक छोर पर यूपी है और दूसरे पर हरियाणा है। खनन माफिया यूपी की तरफ रेत इकट्ठी करते हैं लेकिन वहां खेत होने के कारण इसे ले जा नहीं सकते। इसलिए पुल के जरिए ट्रकों में रेत भरकर इसे हरियाणा पहुंचाते हैं। यमुना के तल की खुदाई होने के कारण नदी का पानी थोड़ी-थोड़ी जगह पर इकट्ठा हो रहा है। इससे नदी का बहाव एकदम रुक गया है और दिल्ली तक नदी का पानी नहीं आ रहा है।

First published on: Mar 07, 2023 05:48 PM

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