हाल ही में, दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव हुए थे. इसमें NSUI ने चुनाव में ईवीएम से छेड़छाड़ की थी. मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करके इसका जवाब मांगा है. याचिकाकर्ताओं ने चुनाव रद्द कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि अध्यक्ष चुनाव में प्रयुक्त ईवीएम, पेपर ट्रेल्स और संबंधित दस्तावेजों को ताले में सुरक्षित रखा जाए. यह याचिका डूसू के पूर्व अध्यक्ष रौनक खत्री और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) की अध्यक्ष पद (2025) की उम्मीदवार जोसलिन नंदिता चौधरी ने दायर की है.
जोसलिन नंदिता चौधरी ने आरोप लगाया है कि 18 सितंबर, 2025 को हुए मतदान में ईवीएम में छेड़छाड़ के कारण गड़बड़ी हुई थी. उन्होंने इस प्रक्रिया को रद्द करने तथा न्यायिक निगरानी में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है. सुनवाई के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से पेश हुए वकील मोहिंदर रूपल ने दलील दी कि इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. उन्होंने कहा, “किसी ने केवल अंगूठे का निशान लगाया है. इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है.”
मामले को लेकर न्यायालय ने कहा, “वर्तमान रिट याचिका इस आधार पर अध्यक्ष पद के लिए मतदान प्रक्रिया को रद्द करने और रद्द करने के निर्देश देने की प्रार्थना के साथ दायर की गई है कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है. नोटिस जारी करें.”
मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होने वाली है. याचिका में दावा किया गया है कि कई कॉलेजों में मतदान के दौरान गंभीर अनियमितताएं पाई गईं. खास तौर पर, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में कथित तौर पर जानबूझकर एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के नाम के सामने नीली स्याही से निशान लगाए गए थे.