देश की राष्ट्रीय राजधानी में अब स्कूल मनमानी फीस नहीं बढ़ा सकेंगे, इसे लेकर दिल्ली सरकार ने मसौदा विधेयक पारित किया। सीएम रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। अगर कोई स्कूल बिना कमेटी के निर्णय के मनमानी फीस बढ़ाएगा तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन होगा।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक और साहसिक फैसला लिया है। कैबिनेट ने मंगलवार को मसौदा विधेयक पारित कर दिया है। दिल्ली के सभी 1677 स्कूलों, चाहे वो सहायता प्राप्त हों, गैर सहायता प्राप्त हों, निजी हों या सभी तरह के स्कूल हों, के लिए फीस के लिए एक पूरी गाइडलाइन और प्रक्रिया तय की जाएगी। इतिहास में पहली बार दिल्ली सरकार द्वारा ऐसा विधेयक तैयार किया जा रहा है, जो पूरी तरह से सुरक्षित है।
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#WATCH | Delhi CM Rekha Gupta says, “…I feel overjoyed to tell you that Delhi Government has made a historic and brave decision, and the draft Bill has been passed by the Cabinet today. A complete guideline, procedure for fees will be decided for all 1677 schools in Delhi,… pic.twitter.com/wCoUlMbgpl
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) April 29, 2025
दिल्ली सरकार ने फीस बढ़ोतरी पर उठाया बड़ा कदम
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि फीस हाइक को लेकर कैबिनेट ने एक बिल पास किया है। फीस बढ़ोतरी को लेकर स्कूलों को पहले भी नोटिस जारी किया जाता था, लेकिन अब एक बड़ा कदम उठाया गया है। उनकी कैबिनेट में एक बिल पास किया है, जिसका नाम दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी ऑफ फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस 2025 है। उन्होंने 65 दिनों में बिल को लाकर नए प्रशासन के आयाम को खड़ा किया है। इस बिल से अभिभावक और छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी।
कमेटी फैसला लेगी कि फीस बढ़ानी है या नहीं : आशीष सूद
आशीष सूद ने सबके सामने इस बिल के प्रावधानों को रखा। उन्होंने कहा कि पिछले बिल में फीस बढ़ाने को लेकर किसी भी प्रकार की कोई रोक-टोक नहीं थी, लेकिन इस बार तीन स्तरीय समिति बनाकर इस विधेयक को लागू करने का काम किया गया है। पहले स्कूल लेवल पर कमेटी बनेगी, जो 10 सदस्यीय होगी, जिसमें अभिभावक भी शामिल होंगे। ये कमेटी निर्णय करेगी कि फीस बढ़ानी है या नहीं।
31 जुलाई को होगा कमेटी का गठन : आशीष सूद
उन्होंने आगे कहा कि 31 जुलाई को कमेटी गठि होगी, जो 30 दिन में रिपोर्ट देगी। अगर रिपोर्ट नहीं दे पाएगी या सहमति नहीं बन पाएगी तो डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी इन्हें सुनेगी। अगर यहां भी सहमति नहीं हुई तो स्टेट लेवल कमेटी फैसला लेगी। जो स्कूल बिना कमेटी के निर्णय के फीस बढ़ाने का काम करेगा, उसे 1 लाख से 10 लाख तक का जुर्माना लग सकता है और स्कूल का रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल हो सकता है।
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